एक नत तल क्षैतिज से $30^o$ का कोण बनाता है। इस पर एक ठोस गोला विरामावस्था से बिना फिसले लुढ़कना प्रारम्भ करता है, तो इसका रेखीय त्वरण होगा
$ \frac{g}{3} $
$ \frac{{2g}}{3} $
$ \frac{{5g}}{7} $
$ \frac{{5g}}{{14}} $
एक ठोस गोला तथा एक ठोस बेलन जिनकी त्रिज्यायें समान है, एक आनत तल की तरफ समान रेखीय वेग से जा रहे हैं (चित्र देखें)। शुरू से अंत तक दोनों बिना फिसले लुढ़कते हुये चलते हैं। ये आनत तल पर अधिकतम ऊँचाई $h _{ sph }$ तथा $h _{ cyl }$ तक चढ़ पाते हैं तो अनुपात $\frac{h_{\text {sph }}}{h_{\text {cyl }}}$ होगा।
$50 \,gm$ द्रव्यमान एवं $20$ सेमी व्यास का एक गोला $5\, cm/sec$ के वेग से बगैर फिसले लुढ़क रहा है। इसकी कुल गतिज ऊर्जा होगी
एक $12\,kg$ का लुढ़कता हुआ पहिया नततल पर स्थित बिन्दु $P$ पर है तथा चित्रानुसार एक नियत लम्बाई की रस्सी तथा घिरनी द्वारा $3\,kg$ द्रव्यमान से बंधा हुआ है। $PR$ सतह घर्पण रहित हैं जब पहिया लुढ़कता हुआ नततल $PQ$ के आधार $Q$ पर पहुँचता है तो उसके द्रव्यमान केन्द्र का वेग $\frac{1}{2} \sqrt{ xgh } m / s$ है तो $x$ का मान होगा।
द्रव्यमान $M$ व त्रिज्या $R$ वाली एक वृत्ताकार चकती इसकी अक्ष के सापेक्ष कोणीय चाल $\omega_{1}$ से घूर्णन कर रही है। यदि त्रिज्या $\frac{ R }{2}$ व समान द्रव्यमान $M$ वाली एक अन्य चकती को घूर्णन करती चकती पर समाक्षीय रूप से गिराया जाये तो दोनों चकतियाँ धीरे-धीरे नियत कोणीय चाल $\omega_{2}$ प्राप्त कर लेती है। यदि इस प्रक्रिया में ऊर्जा ह्रास, प्रारम्भिक ऊर्जा का $p \%$ हो तो $p$ का मान होगा ......।
एक गोला जिसका अपने गुरुत्व केन्द्र के परित: जड़त्व आघूर्ण $I$ है तथा द्रव्यमान $m$ है, विराम स्थिति से झुके हुए तल की ओर बिना फिसले लुढ़क रहा है। निम्न में किसके द्वारा इसकी गतिज ऊर्जा व्यक्त की जायेगी