धातु का समांगी ठोस गोला $h$ ऊँचाई वाले नतसमतल से बिना फिसले लुढ़कता है। निम्नतम बिन्दु पर गोले का वेग होगा
$ \sqrt {\frac{{10}}{7}gh} $
$ \sqrt {gh} $
$ \sqrt {\frac{6}{5}gh} $
$ \sqrt {\frac{4}{3}gh} $
$M$ द्रव्यमान तथा $r$ त्रिज्या की एक पतली वृत्ताकार वलय नियत कोणीय वेग $ \omega $ से घूम रही है। वलय के व्यास के दोनों सिरों पर दो कण, प्रत्येक $m$ द्रव्यमान का, जोड़ दिये जाते हैं। वलय का कोणीय वेग अब होगा
माना कि किसी कण, जिसका स्थित सदिश $ \overrightarrow {r\,} $ है, पर लगने वाला बल $ \overrightarrow F $ है, एवं मूल बिन्दु के परित: इस बल का बल आघूर्ण $ \overrightarrow T $ है तो
कोणीय संवेग है
माना कि किसी कण, जिसका स्थित सदिश $ \overrightarrow {r\,} $ है, पर लगने वाला बल $ \overrightarrow F $ है, एवं मूल बिन्दु के परित: इस बल का बल आघूर्ण $ \overrightarrow T $ है तो
एक गेंद बिना फिसले लुढ़क रही है। इसके द्रव्यमान केन्द्र से होकर गुजरने वाली अक्ष के परित: गेंद की घूर्णन त्रिज्या $ K $ है। यदि गेंद की त्रिज्या $ R $ हो तो कुल ऊर्जा का कौनसा भाग घूर्णन ऊर्जा है