एक ठोस गोला लोटन गति में है । लोटन गति में वस्तु की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा $\left( K _{ t }\right)$ के साथ-साथ घूर्णी गतिज ऊर्जा $\left( K _{ r }\right)$ भी होती है । गोले के लिए $K _{ t }:\left( K _{ t }+ K _{ r }\right)$ का अनुपात होगा

  • [NEET 2018]
  • [AIPMT 1991]
  • A

    $7:10$

  • B

    $5:7$

  • C

    $2:5$

  • D

    $10:7$

Similar Questions

द्रव्यमान $50 \mathrm{~kg}$ की एक ठोस वृत्ताकार चकती एक क्षैतिज फर्श के अनुदिश इस तरह लुढ़कती है कि इसके द्रव्यमान केन्द्र की चाल $0.4 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$ है। चकती को रोकने के लिए इस पर किये गये कार्य का विशिष्ट (मानक) मान. . . . . . . . . . जूल है।

  • [JEE MAIN 2024]

$I$ जड़त्व की एक स्थिर चकती अपनी अक्ष पर घूर्णन करने के लिए स्वतंत्र है। जब इस पर एक बाह्य बलाधूर्ण लगाया जाता है तब इसकी गतिज ऊर्जा $K \theta^{2}$ के समान है, जहीं $K$ एक धनात्मक नियतांक है। कोण $\theta$ पर इसका कोणीय त्वरण होगा।

  • [JEE MAIN 2019]

किसी दृढ छड़ की लम्बाई $L$ और उसका द्रव्यमान नगण्य है । इसके दो विपरीत सिरो पर क्रमश: $m _{1}$ तथा $m _{2}$ द्रव्यमान के दो बिन्दु पिंड रखे गये है। इस छड़ को उसके स्वयं के लम्बवत् अक्ष के परित: घूर्णन कराना है, जो छड़ पर स्थित किसी बिन्दु $P$ से होकर गुजरती है (आरेख देखिये) । बिन्दु $P$ की वह स्थित जिसके लिये छड को कोणीय वेग $\omega_{0}$ से घूर्णन कराने के लिये आवश्यक कार्य न्यूनतम होगा, है

  • [AIPMT 2015]

$0.6\; m$ लम्बी $2\; kg$ की एक स्टील छड़ एक मेज के ऊर्ध्वाधर अपने निचले सिरे पर बँधी है और ऊर्ध्वादार तल में मुक्त रूप से घूम सकती है। ऊपरी सिरे को धक्का दिया जाता है जिससे छड़ गुरूत्व के अन्तर्गत नीचे गिरती है। इसके निचले सिरे पर बाँधने से घर्षन को नगण्य मानते हुए, छड़ की चाल जब वह न्यूनतम स्थिति से गुजरती है $\ldots \ldots \ldots .$ मी/से होती है। (लीजिए $g =10 \;ms ^{-2}$ )

  • [JEE MAIN 2021]

$r$ त्रिज्या वाले एक पहिए की परिधि पर पतली रस्सी लपेटी हुई है। पहिए का अक्ष क्षैतिज है जिसके परित: इसका जड़त्व आघूर्ण I है। भार $mg$, रस्सी के सिरे पर बँधा हुआ है जो विरामावस्था से नीचे गिरता है। $h$ दूरी से गिरने के पश्चात् पहिए का कोणीय वेग होगा