आयनों की एक किरण-पुँज $2 \times {10^5}\,m/s$ के वेग से $4 \times {10^{ - 2}}\,tesla$ के चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् प्रवेश करती है। यदि आयन पर विशिष्ट आवेश $5 \times {10^7}\,C/kg$ है, तो इसके द्वारा बनाये गये वृत्ताकार पथ की त्रिज्या .....$m$ होगी
$0.10$
$0.16 $
$0.20$
$0.25$
किसी विशेष क्षण पर एक रेडियो-एक्टिव यौगिक से उत्सर्जित विकिरण एक चुम्बकीय क्षेत्र में विक्षेपित होता है। यौगिक उत्सर्जित कर सकता है
$(i) $ इलेक्ट्रॉन $(ii)$ प्रोटॉन $(iii)$ $H{e^{2 + }}$ $(iv)$ न्यूट्रॉन
दिये गये विशेष क्षण पर उत्सर्जित विकिरण हो सकता है
एक प्रोटॉन एवं एक अल्फा कण को अलग-अलग एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रक्षेपित किया जाता है। इन कणों के प्रारम्भिक वेग चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् हैं। यदि दोनों कण चुम्बकीय क्षेत्र के चारों ओर बराबर त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर चक्कर लगायें तो प्रोटॉन व अल्फा कण के संवेगों का अनुपात $\left( {\frac{{{P_p}}}{{{P_a}}}} \right)$ होगा
निम्न दो कथन दिए गए है-
कथन $I:$ विद्युत बल आवेशित कण की चाल बदलता है इसलिए इसकी गतिज ऊर्जा भी बदलती है जबकि चुम्बकीय बल आवेशित कण की गतिज ऊर्जा नहीं बदलता है।
कथन $II:$ विद्युत बल धनावेशित कण को विद्युत क्षेत्र की लम्बवत दिशा में त्वरित करता है। चुम्बकीय बल गतिमान धनावेशित कण को चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में त्वरित करता है।
उपरोक्त कथनो के अनुसार सही विकल्प चुने:
एक प्रोटॉन तथा एक ड्यूट्रॉन जिनकी गतिज ऊर्जाएँ समान हैं, एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं। प्रोटॉन तथा ड्यूट्रॉन के वृत्तीय पथों की त्रिज्याएँ ${R_p}$ एवं ${R_d}$ के लिए सही कथन है
एक इलेक्ट्रॉन को एक धारावाही वृत्तीय चालक के अक्ष के अनुदिश प्रक्षेपित किया जाता है। इलेक्ट्रॉन पर कार्यरत बल