एक $C$ धारिता वाले धारित्र का आवेश $Q$ और संचित ऊर्जा $W$ है। यदि उसका आवेश बढ़ाकर $2Q$ कर दिया जाये, तो संचित ऊर्जा होगी
$2W$
$W/2$
$4W$
$W/4$
$W = \frac{{{Q^2}}}{{2C}}$
$W' = 4W$
$50$ $\mu$F धारिता के एक संधारित्र का $10$ वोल्ट विभवान्तर तक आवेशित किया गया है, तो उसकी ऊर्जा होगी
$6\,\mu \,F$ धारिता के एक संधारित्र को $100$ वोल्ट तक आवेशित किया गया है। संधारित्र से संचित ऊर्जा……..जूल है
$n$ समरूप संधारित्र समान्तर क्रम में जुड़े हुए हैं और $V$ विभव तक आवेशित हैं। अब इनको अलग करके श्रेणीक्रम में जोड़ें तो संयोजन की कुल ऊर्जा और विभवान्तर होगा
किसी समांतर पट्टिका संधारित्र की प्रत्येक पट्टिका का क्षेत्रफल $90\, cm ^{2}$ है और उनके बीच पृथकन $2.5\, mm$ है। $400\, V$ संभरण से संधारित्र को आवेशित किया गया है।
$(a)$ संधारित्र कितना स्थिरवैध्यूत ऊर्जा संचित करता है?
$(b)$ इस ऊर्जा को पट्टिकाओं के बीच स्थिरवैध्यूत क्षेत्र में संचित समझकर प्रति एकांक आयतन ऊर्जा $u$ ज्ञात कीजिए। इस प्रकार, पट्टिकाओं के बीच विध्यूत क्षेत्र $E$ के परिमाण और $u$ में संबंध स्थापित कीजिए।
यदि एक बैटरी से जुड़े समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटे एक दूसरे की ओर गति करती हैं, तब:
$A$. इसमें संचित आवेश' बढ़ता है
$B$. इसमें संचित ऊर्जा घटती है
$C$. इसकी धारिता बढ़ती है
$D$. इसके आवेश तथा वोल्टेज का अनुपात समान रहता है
$E$. आवेश तथा वोल्टेज का गुणनफल बढ़ता है
नीचे दिये गये विकल्पों से सबसे उचित उत्तर चुनिए:
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