$6\,\mu \,F$ धारिता के एक संधारित्र को $100$ वोल्ट तक आवेशित किया गया है। संधारित्र से संचित ऊर्जा........जूल है
$0.6 $
$0.06$
$0.03$
$0.3$
$50\,\mu F$ धारिता के समान्तर पट्टिका संधारित्र की पट्टिकाओं को $100$ वोल्ट विभव तक आवेशित किया जाता है तथा उन्हें इस प्रकार अलग-अलग कर दिया जाता है कि पट्टिकाओं के बीच की दूरी दुगनी हो जाए। इस क्रिया में कितनी ऊर्जा का क्षय होगा
एक गोला जिसकी त्रिज्या $1\,cm$ एवं विभव $8000\,V$ है तो इसकी सतह के नजदीक ऊर्जा घनत्व होगा
दो गोलीय चालकों को जिसकी प्रत्येक की धारिता $C$ है, विभव $V$ और $ - V$ तक आवेशित किया गया है तत्पश्चात् इन्हें एक बारीक तार से संबद्ध किया गया है। इससे ऊर्जा में ह्यस होगा
एक धारिता $C$ के संधारित्र को विभव $V _{0}$ से आवेशित करके एक दूसरे $\frac{C}{2}$ धारिता के अनावेशित संधारित्र से समांतर क्रम में जोड़ा जाता है। जब आवेश दोनों संधारित्रों में वितरित हो जाता है, तो इस प्रक्रम में क्षयित ऊर्जा का मान होगा। ($CV _{0}^{2}$ में)
यदि एक संधारित्र का आवेश $2\,C$ से बढ़ता है तो इसमें संचित ऊर्जा $44\, \%$ से बढ़ती है। संधारित्र पर मूल आवेश ज्ञात कीजिए (कूलाम में)