यदि एक बैटरी से जुड़े समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटे एक दूसरे की ओर गति करती हैं, तब:
$A$. इसमें संचित आवेश' बढ़ता है
$B$. इसमें संचित ऊर्जा घटती है
$C$. इसकी धारिता बढ़ती है
$D$. इसके आवेश तथा वोल्टेज का अनुपात समान रहता है
$E$. आवेश तथा वोल्टेज का गुणनफल बढ़ता है
नीचे दिये गये विकल्पों से सबसे उचित उत्तर चुनिए:
$A, C$ व$E$ केवल
$B, D$ व $E$ केवल
$A, B$ व $C$ केवल
$A, B$ व $E$ केवल
श्रेणी क्रम में जुड़े (संयोजित ) $n_{1}$ संधारित्रों में प्रत्येक की धारिता $C_{1}$ है। इस संयोजन को $4\, V$ विभवान्तर के एक स्त्रोत से आवेशित किया गया है। एक अन्य संयोजन में $n_{2}$ संधारित्रों को, जिनमें प्रत्येक की धारिता $C_{2}$ है, समान्तर (पाश्र्व) क्रम में जोड़कर, $V$ विभवान्तर के एक स्त्रोत से आवेशित किया गया है। यदि इन दोनो संयोजनों में संचित ऊर्जा समान (बराबर) हो तो $C_{1},$ के पदों $C_{2}$ का मान होगा
संधारित्र के मध्य ऊर्जा रहती है
$\mathrm{C}$ धारिता तथा $\mathrm{V}$ विभव के एक संधारित्र की ऊर्जा $\mathrm{E}$ है। इसे $2 \mathrm{C}$ धारिता तथा $2 \mathrm{~V}$ विभव के दूसरे संधारित्र से जोड़ा जाता है। तब ऊर्जा ह्वास $\frac{x}{3} \mathrm{E}$ हैं, जहाँ $x$ का मान $\qquad$ है।
यदि एक संधारित्र का आवेश $2\,C$ से बढ़ता है तो इसमें संचित ऊर्जा $44\, \%$ से बढ़ती है। संधारित्र पर मूल आवेश ज्ञात कीजिए (कूलाम में)
एक समान्तर प्लेट संधारित्र $C$ धारिता की एक बैटरी से जुड़ा है और $V$ विभवान्तर से आवेशित है। अन्य $2C$ धारिता का संधारित्र, अन्य बैटरी से जुड़ा है और $2V$ विभवान्तर से आवेशित है। आवेशित करने वाली बैटरी को अब हटा दिया जाता है और संधारित्रों को अब समान्तर क्रम में इस प्रकार जोड़ दिया जाता है कि एक संधारित्र का धनात्मक सिरा, दूसरे के ऋणात्मक सिरे से जुड़े हों। इस विन्यास की अंतिम ऊर्जा है