विरामावस्था से प्रारंभ होकर एक कार $S$ दूरी तक f त्वरण से त्वरित होती है, तत्पश्चात् t समय तक नियत चाल से चलती है, तत्पश्चात् $\frac{f}{2}$ दर से अवमंदित होकर रुक जाती हैं। यदि कार द्वारा तय की गई कुल दूरी $15S$ है, तब
$S = \frac{1}{2}f{t^2}$
$S = \frac{1}{4}f{t^2}$
$S = \frac{1}{{72}}f{t^2}$
$S = \frac{1}{6}f{t^2}$
नीचे दिए गए कथनों को ध्यान से पढिए और कारण बताते हुए व उदाहरण देते हुए बताइए कि वे सत्य हैं या असत्य, एकविमीय गति में किसी कण की
$(a)$ किसी क्षण चाल शून्य होने पर भी उसका त्वरण अशून्य हो सकता है ।
$(b)$ चाल शून्य होने पर भी उसका वेग अशून्य हो सकता है ।
$(c)$ चाल स्थिर हो तो त्वरण अवश्य ही शून्य होना चाहिए ।
$(d)$ चाल अवश्य ही बढ़ती रहेगी, यदि उसका त्वरण धनात्मक हो ।
चित्र में किसी कण की एकविमीय गति का $x-t$ ग्राफ दिखाया गया है । ग्राफ से क्या यह कहना ठीक होगा कि यह कण $t<0$ के लिए किसी सरल रेखा में और $t>0$ के लिए किसी परवलीय पथ में गति करता है । यदि नहीं, तो ग्राफ के संगत किसी उचित भौतिक संद्भ का सुझाव दीजिए।
एक दिशा में चलते हुए एक कण द्वारा $t$ समय में तय की गयी दूरी $x$ सूत्र $x ^{2}= at { }^{2}+2 bt + c$ के अनुसार दी जाती है। यदि कण के त्वरण की $x$ पर निर्भरता $x^{-n}$ ( $n$ एक पूर्णांक है) द्वारा दी जाती हो तो $n$ का मान है।
किसी कण को $x$-अक्ष के अनुदिश वेग $v_{0}$ से प्रक्षेपित किया गया है। इस कण पर कोई अवमंदक बल कार्य कर रहा है जो मूल बिन्दु से दूरी के वर्ग के अनुक्रमानुपाती है, अर्थात $m a=-\alpha x^{2}$ है। वह दूरी जिस पर यह कण रूक जाएगा है।
$\mathrm{t}=0$ पर एक कण मूल बिन्दु से $5 \hat{\mathrm{i}}$ मी./से. के वेग से गति प्रारम्भ करता है तथा एक बल के अन्तर्गत $x-y$ तल में गति करता है जो $(3 \hat{\mathrm{i}}+2 \hat{\mathrm{j}})$ मी./ से. $^2$ का एक नियत त्वरण उत्पन्न करता है।, यदि किसी क्षण कण का $x$-निर्देशांक $84$ मी. हो तब उस समय कण की चाल $\sqrt{\alpha}$ मी/से. है। $\alpha$ का मान. . . . . . . . .है।