एक कार $R$ त्रिज्या के एकसमान वृतीय पथ पर एकसमान चाल $v$ से गति करते हुए $T$ सेकंड में एक पूरा चक्कर लगाती है। इस दीरान अभिकेन्द्रीय त्वरण का मान $a_c$ है। यदि यह कार एक बड़े वृतीय पथ, जिसकी त्रिज्या $2 R$ है, पर एकसमान चाल से चलती हुए अभिकेन्द्रीय त्वरण $8 a_{ e }$ महसूस करती है, तो इसका आवर्तकाल होगा
$2 T$
$3 T$
$T / 2$
$3 / 2 T$
एक $m$ द्रव्यमान का कण $L$ लम्बाई के डोरी से एक छत से निलम्बित किया जाता है। कण $r$ त्रिज्या के क्षैतिज वत्त में इस प्रकार गति है कि $r =\frac{ L }{\sqrt{2}}$ हो। कण की चाल होगी।
एक धावक $10$ मीटर त्रिज्या वाले वृत्ताकार मार्ग का एक चक्कर $40$ सैकण्ड में पूरा करता है। उसके द्वारा $2$ मिनट $20$ सैकण्ड में तय की गई दूरी ........ $m$ है
एक कण $\mathrm{R}$ त्रिज्या के एक वृत्त पर एक समान चाल से गति कर रहा है तथा एक चक्कर पूर्ण करने में $\mathrm{T}$ समय लेता है। यदि इसको एक समान चाल से क्षैतिज से $\theta$ कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है तो इसके द्वारा तय की गई अधिकतम ऊँचाई $4 \mathrm{R}$ है। तब प्रक्षेपण कोण $\theta$ होगा :
यदि $\mathop \omega \limits^ \to = 3\hat i - 4\hat j + \hat k$ तथा $\mathop r\limits^ \to = 5\hat i - 6\hat j + 6\hat k$ हो तो कण का रेखीय वेग है
अभिकेन्द्रीय त्वरण का सूत्र है