लॉरेन्ज बल का परिकलन करने के लिये सूत्र है

  • [AIPMT 2002]
  • A

    $q \overrightarrow{ E }+ q (\overrightarrow{ V } \times \overrightarrow{ B })$

  • B

    $q (\overrightarrow{ V } \times \overrightarrow{ B })$

  • C

    $q \overrightarrow{ E }+ q (\overrightarrow{ B } \times \overrightarrow{ V })$

  • D

    $q \overrightarrow{ B }+ q (\overrightarrow{ E } \times \overrightarrow{ V })$

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एक आवेशित कण $v$ वेग से $B$ तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्र में गति करता है। कण पर आरोपित चुम्बकीय बल होगा

एक प्रोटॉन पुँज ${10^{ - 4}}\,T$ के चुम्बकीय क्षेत्र में अभिलम्बवत् प्रवेश करता है, इसका विशिष्ट आवेश ${10^{11}}$ $C/kg$ एवं वेग ${10^7}$ $m/s$ है। इसके द्वारा बनाये गये वृत्त की त्रिज्या ......$m$ है

एक प्रकोष्ठ में $6.5 G \left(1 G =10^{-4} T \right)$ का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र बनाए रखा गया है। इस चुंबकीय क्षेत्र में एक इलेक्टिन $4.8 \times 10^{6} m s ^{-1}$ के वेग से क्षेत्र के लंबवत भेजा गया है। वृत्ताकार कक्षा में इलेक्ट्रॉन की परिक्रमण आवृत्ति प्राप्त कीजिए। क्या यह उत्तर इलेक्ट्रॉन के वेग पर निर्भर करता है? व्याख्या कीजिए।

$\left(e=1.6 \times 10^{-19} C , m_{e}=9.1 \times 10^{-31} kg \right)$

$m$ द्रव्यमान एवं $q$ आवेश का एक इलेक्ट्रॉन $v$ वेग से $r$ त्रिज्या के वृत्ताकार मार्ग में एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र $B$ के लम्बवत् गति कर रहा है। यदि इलेक्ट्रॉन की चाल को दो गुना एवं चुम्बकीय क्षेत्र को आधा कर दिया जाये तब वृत्ताकार मार्ग की त्रिज्या हो जायेगी

पूर्व की दिशा में गति करता हुआ एक इलेक्ट्रॉन उत्तर दिशा में कार्यरत् चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन पर लगने वाले बल की दिशा होगी