$100 \mathrm{~V}$ के विभमान्तर द्वारा त्वरित $2 \ \mu \mathrm{C}$ का एक आवेश कण $4 \ \mathrm{mT}$ परिमाण के एक समान चुम्बकीय क्षेत्र के एक प्रभाग में क्षेत्र की दिशा से समकोण पर प्रवेश करता है। आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र में $3 \ \mathrm{~cm}$ त्रिज्या का अर्द्धवृत पूर्ण करता है। आवेशित कण का द्रव्यमान ___________ $\times 10^{-18}$ किग्रा. है।
$142$
$144$
$141$
$140$
यदि एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र की लम्बवत् दिशा में $v$ वेग से एक प्रोटॉन प्रक्षेपित किया जाता है तथा एक इलेक्ट्रॉन बल रेखाओं की दिशा में प्रक्षेपित किया जाता है तो
यदि ${10^{ - 12}}$ कूलॉम आवेश वाला एक कण $\hat x - $ दिशा में ${10^5}\,m/s$ के वेग से चलने पर चुम्बकीय क्षेत्र के कारण $\hat y - $ दिशा में ${10^{ - 10}}\,$ न्यूटन के बल का अनुभव करें तो न्यूनतम चुम्बकीय क्षेत्र होगा
यदि किसी आवेशित कण का आरम्भिक वेग चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् है तो उसका पथ होगा
आयनो के द्रव्यमान मापने के लिए एक द्रव्यमान मापी स्पैक्ट्रोमीटर में आयनो को पहले वैद्युत विभव $V$ द्वारा त्वरित कर फिर चुम्बकीय क्षेत्र $B$ का प्रयोग कर $R$ त्रिज्या के अर्धवृत्तीय पथ पर चलाया जाता है। यदि $V$ और $B$ को नियत रखा जाए तो अनुपात (आयन पर आवेश/आयन का द्रव्यमान) समानुपाती होगा
गतिशील इलेक्ट्रॉन की गति निम्न के द्वारा प्रभावित नहीं होती है