एक परिनालिका में पास-पास लपेटे गए $800$ फेरे हैं, तथा इसका अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $2.5 \times 10^{-4} \,m ^{2}$ है और इसमें $3.0 \,A$ धारा प्रवाहित हो रही है। समझाइए कि किस अर्थ में यह परिनालिका एक छड़ चुंबक की तरह व्यवहार करती है? इसके साथ जुड़ा हुआ चुंबकीय आधूर्ण कितना है?
Number of turns in the solenoid, $n=800$
Area of cross-section, $A=2.5 \times 10^{-4} \,m ^{2}$
Current in the solenoid, $I=3.0 \,A$
A current-carrying solenoid behaves as a bar magnet because a magnetic field develops along its axis, i.e., along its length.
The magnetic moment associated with the given current-carrying solenoid is calculated as:
$M=n I A$
$=800 \times 3 \times 2.5 \times 10^{-4}$
$=0.6 \,J\,T ^{-1}$
दो समान दण्ड चुम्बकों, जिसके केन्द्र $r $ मीटर दूरी पर हैं, के अक्ष एक ही रेखा पर हों, तब $4.8 \,N $ का बल लगता है। यदि इनके मध्य की दूरी $2r$ कर दी जाये, तो उनके बीच बल का मान .........$N$ कम हो जायेगा
$1000$ $A{m^2}$ चुम्बकीय आघूर्ण के दो छड़ चुम्बक चित्र में दिखाये अनुसार $10\, cm$ भुजा वाले एक वर्ग के चारों कोनों पर रखें हैं। $P$ पर कुल चुम्बकीय प्रेरण.......$T$ होगा
दो छड़ चुम्बक, प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $M$ है, एक दूसरे के लम्बवत् क्रॉस के रूप में रखे गये हैं। इस व्यवस्था का चुम्बकीय आघूर्ण होगा
अक्षीय और निरक्षीय स्थिति में एक ही स्थान पर दो छोटे चुम्बकों के कारण समान दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रताओं का अनुपात होता है
चुम्बकीय बल रेखायें