दो समान दण्ड चुम्बकों, जिसके केन्द्र $r $ मीटर दूरी पर हैं, के अक्ष एक ही रेखा पर हों, तब $4.8 \,N $ का बल लगता है। यदि इनके मध्य की दूरी $2r$  कर दी जाये, तो उनके बीच बल का मान .........$N$ कम हो जायेगा

  • [AIIMS 1995]
  • A

    $2.4$

  • B

    $1.2$

  • C

    $0.6$

  • D

    $0.3$

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चित्र में $O$ बिंदु पर रखी गई एक छोटी चुंबकीय सुई $P$ दिखाई गई है। तीर इसके चुंबकीय आघूर्ण की दिशा दर्शाता है। अन्य तीर, दूसरी समरूप चुंबकीय सुई $Q$ की विभिन्न स्थितियों (एवं चुंबकीय आघूर्ण के दिकविन्यासों ) को प्रदर्शित करते हैं।

$(a)$ किस विन्यास में यह निकाय संतुलन में नहीं होगा?

$(b)$ किस विन्यास में निकाय $(i)$ स्थायी $(ii)$ अस्थायी संतुलन में होंगे?

$(c)$ दिखाए गए सभी विन्यासों में किसमें न्यूनतम स्थितिज ऊर्जा है?

चुम्बकीय विभव के लिये कुछ समविभवी सतहें निम्न चित्र में प्रदर्शित हैं। किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा

एक लम्बे चुम्बक को दो भागों में इस प्रकार तोड़ा जाता है कि उनकी लम्बाइयों का अनुपात $2 : 1 $ होता है । दोनों भागों के ध्रुव प्राबल्य होंगे

$M, $ चुम्बकीय आघूर्ण के एक छोटे से चुम्बकीय द्विधुव के कारण निरक्षीय रेखा पर केन्द्र से $ r$  दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होता है ($M.K.S. $ पद्धति में)

विषुवत रेखा पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण लगभग $0.4\, G$ है। पृथ्वी के चुंबक के द्विध्रुव आधूर्ण की गणना कीजिए।