चुम्बकीय आघूर्ण $M$ वाली तीन एकसमान चुम्बकों को चित्र में दिखाये अनुसार एक समबाहु त्रिभुज के रूप में जोड़ा गया है। निकाय का कुल चुम्बकीय आघूर्ण होगा

137-81

  • A

    शून्य

  • B

    $2\, M$

  • C

    $M\sqrt 3 $

  • D

    $\frac{{3M}}{2}$

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दो एकसमान लघु चुम्बक, जिनमें प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $ 10\,Am^2$  है, इस प्रकार व्यवस्थित की जाती है, कि इनके अक्ष एक दूसरे के लम्बव्त रहें एवं इनके केन्द्र एक ही सरल रेखा के अनुदिश एक क्षैतिज तल में हों। यदि इनके केन्द्रों के बीच की दूरी  $0.2\, m $ है, तो इनके बीच में मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा

$({\mu _0} = 4\pi  \times {10^{ - 7}}\,H{m^{ - 1}})$

चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता की परिभाषा है

एक नाल चुम्बक (अर्द्धवृत्ताकार) चुम्बक के ध्रुवों के बीच की दूरी $0.1\, m$ है एवं ध्रुव सामथ्र्य $0.01\, amp-m$ है। ध्रुवों के बीच में मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा

एक धारावाही लूप चुम्बकीय क्षेत्र में व्यवहार करता है

$10\, A-m^2$  के चुम्बकीय आघूर्ण की दो छोटी चुम्बकों को अक्षीय स्थिति में, उनके केन्द्रों से $0.1\,m $ दूरी पर रखा गया है। उनके बीच कार्यरत बल .....$N$ होगा