समान्तर प्लेट संधारित्रों के एक संयोजन को एक निश्चित विभवान्तर पर रखा गया है। (चित्र देखिये)
जब $3\; mm$ मोटे गुटके को सभी संधारित्रों की प्लेटों के बीच डाला जाता है, तो वही विभवान्तर बनाये रखने के लिए प्लेटों के बीच की दूरी को $2.4\; mm$ से बढ़ाना पड़ता है। गुटके का परावैद्युतांक होगा
$3$
$4$
$5$
$6$
एक समान्तर प्लेट संधारित्र, जिसका क्षेत्रफल $A$, प्लेट अंतराल $d$ एवं धारिता $C$ है, को तीन परावैद्युत पदार्थों से भारा गया है। इनके परावैद्युतांक ${K_1},{K_2}$ और ${K_3}$ हैं। यदि केवल एक परावैद्युत पदार्थ का प्रयोग करके इस संधारित्र की वही धारिता $C$ प्राप्त करनी हो तो इसके परावैद्युतांक $k$ का समीकरण है
एक वायु संधारित्र की धारिता $1\,pF$ है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी दुगुनी कर दी जाये एवं प्लेटों के मध्य मोम भर दी जाये तो धारिता बढ़कर $2\,pF$ हो जाती है, मोम का परावैद्युतांक होगा
दो समान्तर धातु की प्लेटें एक दूसरे के सामने कुछ दूरी पर रखी हैं। इन प्लेटों पर $+Q$ और $-Q$ आवेश हैं। यदि प्लेटों को केरोसीन के टैंक में डूबा दिया जाय तो उनके बीच विधुत क्षेत्र
समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य की दूरी $d$ और क्षेत्रफल $A$ है। इसकी प्लेटों के मध्य $k$ परावैद्युतांक के पदार्थ की $t$ की मोटाई वाली $(t < d)$ एक शीट रखी जाती है, इसकी धारिता हो जाती है
धातु का परावैद्युतांक है