एक समांतर प्लेट संधारित्र में, प्लेट का क्षेत्रफल $100 \,m ^{2}$ और प्लेटों का पथकन $10 \,m$ है। प्लेटों के बीच के स्थान को परावैधुतांक $10$ के पदार्थ से $5 \,m$ मोटाई तक भर दिया गया है। इस निकाय की परिणामी धारिता का मान ' $x$ ' $pF$ है।
$\varepsilon_{0}$ का मान $=8.85 \times 10^{-12} F \,m^{-1}$.
यहाँ ' $x$ ' का मान निकटतम पूर्णांक में $.......$ होगा।
$144$
$161$
$169$
$152$
जब समान्तर प्लेट संधारित्र किसी बैटरी से जोड़ा जाता है तो प्लेटों के बीच विद्युत क्षेत्र ${E_0}$ है। यदि बैटरी को हटाये बिना, संधारित्र की प्लेटों के मध्य $K$ परावैद्युतांक का पदार्थ भर दिया जाये तो प्लेटों के मध्य विद्युत क्षेत्र हो जायेगा
प्लेट क्षेत्रफल $A$ व प्लेट विस्थापन (Separation) $d$ के एक समान्तर प्लेट संधारित्र को विभव $V$ तक आवेशित करके बैटरी को हटा लिया जाता है। $k$ परावैद्युतांक का एक स्लैव संधारित्र की प्लेटों के बीच रख दिया जाता है। ताकि यह प्लेटों के बीच खाली जगह को भर दें। यदि $Q$, $E$ व $W$ क्रमश: प्रत्येक प्लेट पर आवेश का परिणाम, प्लेटों के बीच विद्युत क्षेत्र (स्लैब रखने के बाद) व निकाय पर किया गया कार्य प्रदर्शित करते हैं, तो निम्न में से गलत सम्बन्ध है
नमक (सोडियम क्लोराइड) को वायु में रखने पर $1$ सेमी दूर सोडियम तथा क्लोरीन आयनों के बीच बल $F$ कार्य करता है। वायु की विद्युतशीलता तथा पानी का परावैद्युतांक क्रमश: ${\varepsilon _0}$ तथा $K$ हैं। जब नमक का टुकड़ा पानी में रखा जाता है तो $1\,cm$ दूर सोडियम तथा क्लोरीन आयनों के बीच विद्युत बल कार्य करेगा
दो संधारित्रों को श्रेणी क्रम में जोड़ा गया है, जिनमें प्रत्येक की धारिता $40\,\mu F$ है। इनमें से एक संधारित्र की पट्यियों के बीच के स्थान को $K$ परावैद्युतांक वाले परावैद्युत पदार्थ से भरा जाता है कि निकाय की तुल्य धारिता $24\,\mu F$ हो जाती है। $K$ का मान होगा :
एक समान्तर पट्ट संधारित्र जिसकी प्लेट का क्षेत्रफल $A$ तथा प्लेटो के बीच दूरी $d =2\,m$ है, की धारिता $4\,\mu\,F$ है। यदि उनके मध्य आधे स्थान को चित्रानुसार $K =3$ परावैधुतांक वाले परावैधुत पदार्थ से भर दिया जाये तो निकाय की नई धारिता $..........\mu\,F$ होगी।