एक समांतर प्लेट संधारित्र में, प्लेट का क्षेत्रफल $100 \,m ^{2}$ और प्लेटों का पथकन $10 \,m$ है। प्लेटों के बीच के स्थान को परावैधुतांक $10$ के पदार्थ से $5 \,m$ मोटाई तक भर दिया गया है। इस निकाय की परिणामी धारिता का मान ' $x$ ' $pF$ है।

$\varepsilon_{0}$ का मान $=8.85 \times 10^{-12} F \,m^{-1}$.

यहाँ ' $x$ ' का मान निकटतम पूर्णांक में $.......$ होगा।

  • [JEE MAIN 2021]
  • A

    $144$

  • B

    $161$

  • C

    $169$

  • D

    $152$

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जब आवेशित संधारित्र की प्लेटों के मध्य परावैद्युत पदार्थ को रख दिया जाता है, तो प्लेटों के मध्य विद्युत क्षेत्र

जब किसी संधारित्र की समान्तर पट्टिकाओं, जो बैटरी से जुड़ी हैं, के बीच एक परावैद्युत पदार्थ का स्लैब रखा जाता है, तो पट्टिकाओं के ऊपर आवेश पहले के आवेश की अपेक्षा

एक वायु संधारित्र की धारिता $1\,pF$ है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी दुगुनी कर दी जाये एवं प्लेटों के मध्य मोम भर दी जाये तो धारिता बढ़कर $2\,pF$ हो जाती है, मोम का परावैद्युतांक होगा

एक समान्तर प्लेट संधारित्र दो प्लेटों से बना है जिनकी लम्बाई $l$, चौडाई $w$ हैं और एक दुसरे से $d$ दूरी पर है। एक परावैद्युत पट्टी (परावैद्युतांक $K$ ) जो कि प्लेटों के बीच ठीक से समा जाती है, को प्लेटों की सिरे के पास पकड़ कर रखा हुआ है। इसे संधारित्र के अन्दर बल $F =-\frac{\partial U }{\partial x}$ द्वारा खींचा जाता है जहाँ $U$ संधारित्र की तब ऊर्जा है जब परावैद्युत संधारित्र के अन्दर $x$ दूरी पर है। (चित्र देखें)। यदि संधारित्र पर आवेश $Q$ है, तब परावैद्युत पर बल, जब वह सिरे के पास है, होगा

  • [JEE MAIN 2014]

एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों की बीच दूरी $0.01\, mm$ है तथा एक परावैद्युत, जिसकी परावैद्युत क्षमता $19\,  KV/mm$ है, प्लेटों के बीच एक कुचालक की तरह उपयोग किया गया है तो अधिकतम विभवान्तर जो संधारित्र की प्लेटों के मध्य आरोपित किया जा सके .......$V$ होगा