एक धनावेशित चालक
सदैव धन विभव पर रहता है
सदैव शून्य विभव पर रहता है
सदैव ऋण विभव पर रहता है
धन विभव, शून्य विभव अथवा ऋण विभव पर हो सकता हैधनावेशित चालक धन, शून्य या ऋण विभव पर हो सकता है जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि शून्य विभव को किस प्रकार परिभाषित किया गया है।
दो आवेश $12\,\mu C$ एवं $ - 6\,\mu C$, वायु में एक दूसरे से $20$ सेमी. की दूरी पर रखे हैं। आवेशों को जोड़ने वाली रेखा पर आवेशों के बाहर किसी बिन्दु $P$ पर यदि परिणामी विभव शून्य है तो बिन्दु $P$ की $ - 6\,\mu C$ आवेश से दूरी ....मीटर होगी
त्रिज्या $R$ आवेशित धात्विक पतले खोल के केन्द्र से त्रिज्या दूरी $r$ के साथ स्थिर विधुत विभव के विचरण को दर्शाने वाला ग्राफ है
$10 \,cm$ भुजा वाले एक सम-षट्भुज के प्रत्येक शीर्ष पर $5\, \mu C$ का आवेश है। षट्भुज के केंद्र पर विभव परिकलित कीजिए।
समान साइज की $27$ बूंदे प्रत्येक $220$ वोल्ट पर आवेशित होती है। वे मिलकर एक बड़ी बूंद बनाती है। बड़ी बूंद के विभव की गणना कीजिए। (वोल्ट में)
$27$ समरूप बूँदे प्रत्येक $22\,V$ पर आवेशित है। सब मिलकर एक बड़ी बूँद का निर्माण करती है। बड़ी बूँद का विभव $V$ का मान ज्ञात कीजिए।