लकड़ी के किसी बेलनाकार गुटके (ब्लॉक) की लम्बाई $54 \; cm$, तथा घनत्व $650 \; kg m ^{-3}$ है। इसके आधार का क्षेत्रफल $30 \; cm ^{2}$ है, और यह $900 \; kg m$ घनत्व वाले द्रव में तैर रहा है (प्लवमान है)। इस ब्लॉक को थोड़ा सा नीचे की ओर दबाकर छोड़ दिया जाता है। परिणाम स्वरूप उत्पत्र इसके दोलनों का आवर्तकाल, किस लम्बाई (लगभग) के सरल लोलक के आवर्तकाल के बराबर होगा ?

  • [JEE MAIN 2015]
  • A

    $52$

  • B

    $65$

  • C

    $39$

  • D

    $26$

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पृथ्वी की सतह पर सैकेण्डी लोलक की लम्बाई $1\,m$ है। चन्द्रमा के तल पर सैकेण्डी लोलक की लम्बाई, जहाँ $g$ का मान पृथ्वी से $\frac{1}{6}$ गुना है, होगी

एक सरल लोलक का रूकी हुई लिफ्ट में आवर्त काल $T$ है। यदि लिफ्ट ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर $\frac{ g }{6}$ त्वरण से त्वरित होती है, तो इसका आवर्तकाल क्या होगा ?(जहाँ $g =$ गुरूत्वीय त्वरण है)

  • [JEE MAIN 2022]

एक स्थिर लिफ्ट की छत से टंगे हुये सरल लोलक का दोलनकाल $T$ है। यदि परिणामी त्वरण $g/4$ हो जाता है, तो सरल लोलक का दोलनकाल होगा

किसी सरल लोलक का प्रारम्भिक आवर्तकाल $T_1$ है। जब इसका निलम्बन बिन्दु ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर समीकरण $y = k{t^2}$ के अनुसार गति करता है तो इसका आवर्तकाल $T_2$ हो जाता है यदि $k = 1\,m/se{c^2}$ हो तो $\frac{{T_1^2}}{{T_2^2}}$ का मान होगा $g = 10\,m/{s^2})$

  • [IIT 2005]

एक सैकण्ड लोलक का आवर्तकाल $2$ सैकण्ड है। गोलाकार गोलक का द्रव्यमान $ 50$ ग्राम है और वह भीतर से रिक्त है। इस गोलक के स्थान पर यदि दूसरा ठोस गोलक जिसकी त्रिज्या उतनी ही है परन्तु द्रव्यमान $100$ ग्राम है, लिया जाये, तो नया आवर्तकाल .....सैकण्ड होगा