$l$ लंबाई का एक सामान्य दोलक $45^{\circ}$ अंश के आयाम से दोलन करता है। गुरुत्वीय त्वरण $g$ है। मान लीजिये $T_0=2 \pi \sqrt{l / g}$ है। इस दोलन का आवर्तकाल

  • [KVPY 2015]
  • A

    किसी भी आयाम के लिए $T_0$ रहेगा।

  • B

    $T_0$ से थोड़ा कम रहेगा।

  • C

    $T_0$ से थोड़ा ज्यादा रहेगा।

  • D

     इस पर निर्भर करता है कि वह पूर्व-पश्चिम अथवा उत्तरदक्षिण दिशा वाले तल में दोलन करता है।

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दो सरल लोलक एकसाथ दोलन प्रारम्भ करते हैं। यदि इनकी दोलन आवृत्तियों का अनुपात $7 : 8$ है तब इनकी लम्बाईयों का अनुपात होगा

अपनी निम्नतम स्थिति पर एक लोलक के गुटके की चाल $3$ मी/सैकण्ड है। लोलक की लम्बाई $0.5$ मी है। जब यह लम्बाई ऊध्र्व से $60^\circ $ का कोण बनाती है तब गुटके की चाल .... मी/सैकण्ड होगी (यदि $g = 10$ मी/सैकण्ड$^{2}$)

एक चिम्पांजी किसी झूले पर बैठा हुआ झूल रहा है। यह अचानक झूले पर खड़ा हो जाता है तब आवर्तकाल

  • [AIEEE 2002]

नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

$(a)$ किसी कण की सरल आवर्त गति के आवर्तकाल का मान उस कण के द्रव्यमान तथा बल-स्थिरांक पर निर्भर करता है : $T=2 \pi \sqrt{\frac{m}{k}}$ । कोई सरल लोलक सन्निकट सरल आवर्त गति करता है । तब फिर किसी लोलक का आवर्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर निर्भर क्यों नहीं करता ?

$(b)$ किसी सरल लोलक की गति छोटे कोण के सभी दोलनों के लिए सन्निक सरल आवर्त गति होती है । बड़े कोणों के दोलनों के लिए एक अधिक गूढ़ विश्लेषण यह दर्शाता है कि $T$ का मान $2 \pi \sqrt{\frac{l}{g}}$ से अधिक होता है । इस परिणाम को समझने के लिए किसी गुणात्मक कारण का चिंतन कीजिए |

$(c)$ कोई व्यक्ति कलाई घड़ी बाँधे किसी मीनार की चोटी से गिरता है । क्या मुक्त रूप से गिरते समय उसकी घड़ी यथार्थ समय बताती है ?

$(d)$ गुरुत्व बल के अंतर्गत मुक्त रूप से गिरते किसी केबिन में लगे सरल लोलक के दोलन की आवृत्ति क्या होती है ?

एक सरल लोलक को यदि पृथ्वी से चन्द्रमा की सतह पर ले जाकर दोलन कराया जाये तो इसका दोलन काल