एक बेलनाकार संधारित्र में $15 \,cm$ लंबाई एवं त्रिज्याएँ $1.5\, cm$ तथा $1.4\, cm$ के दो समाक्ष बेलन हैं। बाहरी बेलन भू-संपर्कित है और भीतरी बेलन को $3.5\, \mu C$ का आवेश दिया गया है। निकाय की धारिता और भीतरी बेलन का विभव ज्ञात कीजिए। अंत्य प्रभाव ( अर्थात् सिरों पर क्षेत्र रेखाओं का मुडना ) की उपेक्षा कर सकते हैं।
Length of a co-axial cylinder, $l=15 \,cm =0.15\, m$
Radius of outer cylinder, $r_{1}=1.5 \,cm =0.015\, m$
Radius of inner cylinder, $r_{2}=1.4 \,cm =0.014 \,m$
Charge on the inner cylinder, $q=3.5\, \mu \,C=3.5 \times 10^{-6} \,C$
Capacitance of a co-axial cylinder of radii $r_{1}$ and $r_{2}$ is given by the relation
$C=\frac{2 \pi \epsilon_{0} l}{\log _{e r_{2}}^{r_{1}}}$
Where, $\varepsilon_{0}=$ Permittivity of free space $=8.85 \times 10^{-12}\, N ^{-1} \,m ^{-2} \,C ^{2}$
$\therefore C =\frac{2 \pi \times 8.85 \times 10^{-12} \times 0.15}{2.3026 \log _{10}\left(\frac{0.15}{0.14}\right)}$
$=\frac{2 \pi \times 8.85 \times 10^{-12} \times 0.15}{2.3026 \times 0.0299}$$=1.2 \times 10^{-10} \,F$
Potential difference of the inner cylinder is given by,
$V=\frac{q}{C}$
$=\frac{3.5 \times 10^{-6}}{1.2 \times 10^{-10}}=2.92 \times 10^{4}\, V$
दो एकसमान धातु प्लेटों पर क्रमश: धन आवेश ${Q_1}$, ${Q_2}$, ${Q_3}$ व ${Q_4}$ दिये गये हैं। अब यदि इन प्लेटों को पास लाकर $C$ धारिता का समान्तर पट्टिका संधारित्र बनाया जाता है, तब प्लेटों के बीच विभवान्तर होगा
समान्तर प्लेट संधारित्र धारिता का मूल्य किस पर आश्रित नहीं है
दो संकेंद्री गोलीय चालकों जिनको उपयुक्त विध्यूतरोधी आलंबों से उनकी स्थिति में रोका गया है, से मिलकर एक गोलीय संधारित्र बना है ( चित्र )। दर्शाइए कि गोलीय संधारित्र की धारिता $C$ इस प्रकार व्यक्त की जाती है :
$C=\frac{4 \pi \varepsilon_{0} r_{1} r_{2}}{r_{1}-r_{2}}$
यहाँ $r_{1}$ और $r_{2}$ क्रमशः बाहरी तथा भीतरी गोलों की त्रिज्याएँ हैं।
$R_1$ त्रिज्या का एक ठोस गोला, एक दूसरे संकेन्द्री खोखले $R_1$ त्रिज्या वाले सुचालक गोले से घिरा हुआ है। इस संयोजन की धारिता निम्न के समानुपाती है
$C$ धारिता पर $V$ विभव की $64$ बूँदें मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी जाती है। यदि प्रत्येक छोटी बूँद पर $q$ आवेश हो, तो बड़ी बूँद पर आवेश होगा