एक $50\, keV$ गतिज ऊर्जा का ड्यूट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow B $ के तल के लम्बवत् $0.5$ मीटर त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा निर्मित करता है तो उस प्रोट्रॉन की गतिज ऊर्जा जो इसी तल $B$ में $0.5$ मीटर त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा निर्मित करता है,......$keV$
$25$
$50$
$200$
$100$
एक इलैक्ट्रॉन प्रक्षेपी (electron gun) को $R$ त्रिज्या की एक लम्बी परिनालिका के अक्ष पर रखा हुआ है।परिनालिका में तार के $n$ घुमाव प्रति इकाई लम्बाई है तथा इसमें बहने वाली विधुत धारा का मान I है। इलैक्ट्रॉन प्रक्षेपी परिनालिका की त्रिज्या की दिशा में $v$ गति से इलैक्ट्रॉन प्रक्षेपित करती है। यदि प्रक्षेपित इलैक्ट्रॉन परिनालिका की सतह से नहीं टकराते हैं तो $v$ का अधिकतम मान कितना हो सकता है ? (सभी अक्षरों का मानक अर्थ लें)।
एक आवेशित कण $\overrightarrow{ v }$ वेग से चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }$ में चलता है। इस पर कार्यरत बल शून्य नहीं है तो यह दर्शाता है कि
$v$ वेग से गतिशील एक प्रोटॉन (आवेशित कण) पर विद्युत क्षेत्र $E$ एवं चुम्बकीय क्षेत्र $B$ लगाया जाता है। प्रोटॉन बिना किसी विक्षेप के गतिशील रहेगा यदि
$m$ द्रव्यमान एवं $q$ आवेश का एक इलेक्ट्रॉन $v$ वेग से $r$ त्रिज्या के वृत्ताकार मार्ग में एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र $B$ के लम्बवत् गति कर रहा है। यदि इलेक्ट्रॉन की चाल को दो गुना एवं चुम्बकीय क्षेत्र को आधा कर दिया जाये तब वृत्ताकार मार्ग की त्रिज्या हो जायेगी
एक इलेक्ट्रॉन (द्रव्यमान $ = 9.0 \times {10^{ - 31}}$ किग्रा तथा आवेश $ = 1.6 \times {10^{ - 19}}$ कूलॉम) एक $1.0 \times {10^{ - 4}}$ वेबर/मी$^2$ के चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय कक्षा में घूम रहा है। इलेक्ट्रॉन का परिक्रमण-काल है