एक इलेक्ट्रॉन ($q = 1.6 \times 10^{-19}\, C$) $3.534 \times 10^{-5}\, T$ के एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् गति कर रहा है। इलेक्ट्रॉन को एक वृत्तीय कक्षा पूर्ण करने में लगा समय......$µs$ है
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$1 \times 10^{-4} Wbm ^{-2}$ के पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् दिशा में $0.1 keV$ ऊर्जा का एक इलेक्ट्रॉन चलता है। इलेक्ट्रॉन के परिक्रमण की आवृत्ति होगी: (माना इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $=9.0 \times 10^{-31} kg$ )
एक इलेक्ट्रॉन एकसमान वेग से धनात्मक $x$-दिशा में गति करते हुए एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इस चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा धनात्मक $y$-दिशा में है। इलेक्ट्रॉन पर कार्यरत बल की दिशा होगी
एक इलेक्ट्रॉन एक समान चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{\mathrm{B}}=\mathrm{B}_0 \hat{\mathrm{i}}+2 \mathrm{~B}_0 \hat{\mathrm{j}} \mathrm{T}$ से होकर गति करता है। किसी क्षण इलेक्ट्रॉन वेग $\overrightarrow{\mathrm{u}}=3 \hat{\mathrm{i}}+5 \hat{\mathrm{j}} \mathrm{m} / \mathrm{s}$ है। यदि इलेक्ट्रॉन पर आरोपित चुम्बकीय बल $\overrightarrow{\mathrm{F}}=5e \hat{\mathrm{k}} \mathrm{N}$ न्यूटन हो, जहाँ $\mathrm{e}$ इलेक्ट्रॉन का आवेश है तो $\mathrm{B}_0$ का मान. . . . . . . . . . ${T}$ होगा।
एक आवेशित कण एक चुम्बकीय क्षेत्र $H$ में इस प्रकार प्रवेश करता है कि कण का प्रारम्भिक वेग और $H$ में $45^\circ $ का कोण है। कण का पथ होगा
एक इलेक्ट्रॉन धनात्मक $x$-अक्ष के अनुदिश गति कर रहा है। इसको $x-y$ तल मे वृत्ताकार मार्ग और वामावर्त दिशा में गति कराने के लिये एक चुम्बकीय क्षेत्र लगाना होगा