नमक (सोडियम क्लोराइड) को वायु में रखने पर $1$ सेमी दूर सोडियम तथा क्लोरीन आयनों के बीच बल $F$ कार्य करता है। वायु की विद्युतशीलता तथा पानी का परावैद्युतांक क्रमश: ${\varepsilon _0}$ तथा $K$ हैं। जब नमक का टुकड़ा पानी में रखा जाता है तो $1\,cm$ दूर सोडियम तथा क्लोरीन आयनों के बीच विद्युत बल कार्य करेगा
$\frac{F}{K}$
$\frac{{FK}}{{{\varepsilon _0}}}$
$\frac{F}{{K{\varepsilon _0}}}$
$\frac{{F{\varepsilon _0}}}{K}$
तीन एकसमान संधारित्रों (identical capacitors) $C_1, C_2$ और $C_3$ में प्रत्येक की धारिता $1.0 \mu F$ है और शुरुआत में तीनों संधारित्र अनावेशित (uncharged) हैं। तीनों संधरित्रों को, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है, एक परिपथ (circuit) में जोड़ा गया है और उसके बाद $C_1$ में $\epsilon_{ r }$ सापेक्ष परावैद्युतांक (relative permittivity) का एक पराविधुत (dielectric) पदार्थ पूर्णतः भरा जाता है। सेल (cell) का विधुत वाहक बल (electromotive force, emf) $V_0=8 V$ है। शुरुआत में कुंजी (switch) $S_1$ बंद है और कुंजी $S_2$ खुली है। संधारित्र $C_3$ के पूरी तरह आवेशित (charged) होने के बाद, एक ही पल मे एक साथ (simultaneously) कुंजी $S_1$ को खोल दिया जाता है और कुंजी $S_2$ को बंद कर दिया जाता है। जब सभी संधारित्र साम्यावस्था (equilibrium) में आ जाते हैं, तब संधारित्र $C_3$ पर $5 \mu C$ का आवेश पाया जाता है। $\epsilon_r$ का मान .......... है।
दो सर्वसम समान्तर पट्टिका संधारित्रों में, प्रत्येक की, धारिता $C$ है उनकी प्लेटों (पट्टिकाओं) का क्षेत्रफल $A$ हैं और पट्टिकाओं के बीच की दूरी $d$ है। दोनों प्लेटों के बीच के स्थान को $K _{1}, K _{2}$ तथा $K _{3}$ परावैधुतांक के तीन परावैधुत स्लैब से भर दिया है। सभी स्लैबों की मोटाई समान हैं किन्तु पहले संधारित्र में उन्हें, आरेख $I$ के अनुसार तथा दूसरे में आरेख $II$ के अनुसार रखा गया है।
$\left( E _{1}\right.$ तथा $E _{2}$ क्रमशः प्रथम तथा द्वितीय संधारित्र से सम्बन्धित है)
यदि इन नये संधारित्रों में प्रत्येक को समान विभव $V$ से आवेशित किया जाये तो, इनमें संचित ऊजाओं का अनुपात होगा ।
समानान्तर प्लेटों से बने एक संधारित्र की प्लेटों का क्षेत्रफल $A$ है तथा उनके बीच की दूरी $'d'$ है। इन प्लेटों क बीच एक परावैधुत पदार्थ भरा हुआ है जिसका परावैधुतांक $k ( x )= K (1+\alpha x )$ है। यहाँ पर ' $x$ ' किसी एक प्लेट से दूरी है। यदि $(\alpha d)<<1$ हो, तो इस संधारित्र की धारिता का उपयुक्त मान होगा।
एक संधारित्र को परावैद्युतांकों द्वारा चित्रानुसार भरा गया है। परिणामी धारिता होगी
एक समान्तर-पट्टिका संधारित्र की पट्टिकाओं के मध्य $1$ मिलीमीटर मोटा और परावैद्युतांक $4$ वाला कागज लगा हुआ है। $100$ वोल्ट पर इसे आवेशित किया गया है। इस संधारित्र की पट्टिकाओं के मध्य विद्युत क्षेत्र का मान वोल्ट/मीटर में होगा