एक घर्षणहीन परावैद्युत पट्टी $S$ एक घर्षणरहित टेबिल $T$ पर एक आवेशित समान्तर-पट्ट संधारित्र $C$ (जिसकी प्लेटें घर्षणरहित हैं) के समीप रखी हैं। पट्टी $S$ दोनों प्लेटों के बीच है। जब पट्टी छोड़ दी जाती है, तो
यह मेज पर ही स्थिर रहेगी
यह संधारित्र द्वारा खींच ली जावेगी तथा दूसरे सिरे से निकल जावेगी
यह भीतर खिंच जावेगी तथा प्लेटों के बीच रूक जावेगी
उपरोक्त सभी कथन असत्य हैं
$r$ त्रिज्या की प्लेटों को एक-दूसरे से $d$ दूरी पर रखने से निर्मित समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $C$ है। यदि प्लेटों के बीच $r/2$ त्रिज्या, $d$ मोटाई तथा $6$ परावैद्युतांक वाले पदार्थ की प्लेट रख दी जावे, तो संधारित्र की धारिता होगी
एक गोलीय संधारित्र के गोलाकारों की त्रिज्याएँ क्रमश: $12\;cm$ एवं $9\;cm$ हैं उनके बीच के माध्यम का परावैद्युतांक $6$ है, तो संधारित्र की धारिता होगी
एक समानान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $C$ है। यदि संधारित्र की प्लेटों के मध्य की दूरी को दुगना करके कोई परावैद्युतांक माध्यम भर दिया जाता है। इस प्रकार प्राप्त संधारित्र की धारिता $2C$ है। माध्यम का परावैद्युतांक होगा
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेट की लम्बाई $'l'$ चौड़ाई $'w'$ और उसके प्लेटों के बीच की दूरी $'d'$ है। इसको एक विधुत वाहक बल (emf) $V$ वाली बैटरी से जोड़ा जाता है। उसी मोटाई $'d'$ और परावैधुतांक $k =4$ के एक परावैधुत गुटके को संधारित्र की प्लेटों के बीच घुसाया जाता है। प्लेटों के अंदर गुटके को कितना घुसाने पर, संधारित्र में उचित ऊर्जा पहले वाली संचित ऊर्जा की दोगुनी होगी ?
समान्तर प्लेट संधारित्र की दोनों प्लेटों के बीच की जगह को एक परावैद्युत से पूरी तरह भर दिया जाता है। संधारित्र को आवेशित कर बैटरी से हटा लिया जाता है। इस परावैद्युत प्लेट को अब धीरे-धीरे संधारित्र के बाहर प्लेटों के समांतर खींचा जाता है। इस तरह बाहर खींचे गये परावैद्युत प्लेट की लम्बा तथा संधारित्र की प्लेटों के विभवान्तर के बीच खींचा गया ग्राफ होगा