एक समान्तर पट्टिका (प्लेट) संधारित्र की दो प्लेटों के बीच में, $K _{1}$ तथा $K _{2}\left( K _{1}< K _{2}\right)$ परावैधुतांक के दो पतले स्लैब ( पटिका) चित्र में दर्शाये गये अनुसार रखी गई है। संधारित्र की दो पट्टिकाओं के बीच विधुत क्षेत्र के मान $E$ में, पट्टिका $P$ से दूरी $d$ के साथ परिवर्तन को कौन सा ग्राफ सही रूप से दर्शाता है ?
यदि किसी संधारित्र की पट्टिकाओं पर मुक्त आवेश $q _{ f }$ है तथा उसकी पट्टिकाओं के बीच रखे परावैधुतांक $k$ के परावैधुत स्लैब पर बद्ध आवेश $q _{ b }$ है, तो बद्ध आवेश $q _{ b }$ को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है।
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों की बीच दूरी $0.01\, mm$ है तथा एक परावैद्युत, जिसकी परावैद्युत क्षमता $19\, KV/mm$ है, प्लेटों के बीच एक कुचालक की तरह उपयोग किया गया है तो अधिकतम विभवान्तर जो संधारित्र की प्लेटों के मध्य आरोपित किया जा सके .......$V$ होगा
प्रत्येक $10 \mu \mathrm{F}$ धारिता वाले दो समान्तर पट्टिका संधारित्रों $\mathrm{C}_1$ एवं $\mathrm{C}_2$ को अलग-अलग $100 \mathrm{~V}$ वाले $D.C.$ (दिष्ट धारा) स्र्रोत द्वारा आवेशित किया जाता है। संधारित्र $\mathrm{C}_1$ को स्त्रोत से जुड़ा रखते हुए इसकी पट्टियों के बीच एक परावैद्युत गुटका रखा जाता है। संधारित्र $\mathrm{C}_2$ को र्रोत से हटाया जाता है, फिर इसकी पट्टियों के बीच परावैद्युत गुटका भरा जाता है। इसके बाद संधारित्र $\mathrm{C}_1$ को भी स्त्रोत से अलग कर दिया जाता है। अंततः दोनों संधारित्रों को समान्तर में जोड़ा जाता है। संयोजन का उभयनिष्ठ विभव: $\mathrm{V}$ हो। (परावैद्युतांक $=10$ मानकर)
ताप के बढ़ने पर परावैद्युतांक स्थिरांक $K$ का मान
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की वोल्टेज श्रेणी (rating) $500\, V$ है। इसका परावैधुत पदार्थ अधिकतम $10^{6} \,V / m$ का विधुत क्षेत्र सहन कर सकता है। प्लेट का क्षेत्रफल $10^{-4} m ^{2}$ है। यदि संधारित्र की धारिता का मान $15 \,pF$ हो तो परावैधुतांक का मान होगा । (दिया है $\in_{0}=8.86 \times 10^{-12} \,C ^{2} / Nm ^{2}$ )