गैस को रुद्धोष्म रीति से संपीडित करने पर, संपीडन के दौरान इसकी विशिष्ट ऊष्मा होगी
शून्य
अनंत
परिमित परन्तु अशून्य
अपरिभाषित
कक्षीय तापमान पर एक दृढ़ द्विपरमाणुक आदर्श गैस एक रूद्धोष्म प्रक्रम से गुजरती है। इस प्रक्रम के लिए तापमान और आयतन में, $TV ^{ x }=$ नियतांक सम्बन्ध है तो $x$ होगा।
एक गैस $\gamma = 1.5$ को अपने प्रारम्भिक आयतन के एक चौथाई तक अचानक संपीडित किया जाता है। अन्तिम एवं प्रारम्भिक दाब का अनुपात होगा
नीचे चित्र में चार वक्र $A, B, C$ एवं $D$ दिखाये गये हैं
किसी प्रक्रम में $dW$ किया गया कार्य तथा $dU$ आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन है। किस प्रक्रम के लिए $dW + dU = 0$ सत्य है
एक $\gamma=1.5$ वाले गैस सैम्पल में रूद्धोष्म प्रक्रम होता है जिसमें आयतन $1200$ सेमी $^{3}$ से $300$ सेमी $^{3}$ तक सम्पीडित होता है। यदि प्रारम्भिक दाब $200 \,k\,Pa$ हो, तो प्रक्रम में गैस द्वारा कत कार्य का परन मान $......$ जूल होता है।