दिये गये चित्र में चार प्रक्रम, समआयतनिक, समदाबीय, समतापीय तथा रूद्धोष्म, दिखाये गये हैं। इन ग्राफों का इसी क्रम में सही निर्दिष्टीकरण होगा।
$a\, d\, c\, b$
$a\, d\, b\, c$
$d\, a\, c\, b$
$d\, a\, b\, c$
नीचे दिखाए गए चित्रानुसार, कोई आदर्श गैस एक समान अवस्था से आरम्भ करके चार अलग-अलग प्रक्रमों से गुजरती है। ये
प्रक्रम रूद्धोष्म, समतापीय, समदाबीय एवं समआयतनिक हैं। $1 , 2,3$ एवं $4$ में से वह वक्र जो रुद्धोष्म प्रक्रम को निरूपित करता है, वह है :
किसी आदर्श गैस के रूद्धोष्म प्रसार में, दाब में होने वाला भिन्रात्मक परिवर्तन किसके बराबर होगा ? (जहाँ $\gamma$ विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात है)
एक गैस ($\gamma = 1.3)$ एक कुचालक पात्र में भरी हुई है। इस पात्र में दाब ${10^5}\,N/{m^2}$ है एवं एक पिस्टन पात्र में लगा हुआ है। पिस्टन को अचानक दबाकर गैस के आयतन को प्रारम्भिक आयतन का आधा कर दिया जाता है। गैस का अन्तिम दाब होगा
माना एक मोल हीलियम गैस एक पात्र में प्रारम्भिक दाब $P _1$ व आयतन $V _1$ पर परिबद्ध है। यह समतापीय रूप से आयतन $4 V _1$ तक प्रसारित होती है। इसके बाद यह रुद्धोष्म रूप से प्रसारित होती है तथा इसका आयतन $32 V _1$ हो जाता है।
समतापीय तथा रुद्धोष्म प्रसार प्रक्रमों के दौरान गैस द्वारा किया गया कार्य $W_{\text {iso }}$ तथा $W_{\text {adia, }}$ है। यदि अनुपात $\frac{ W _{\text {iso }}}{ W _{\text {adia }}}$ $= f \ln 2$ है, तब $f$ का मान . . . . .है।
$=f \ln 2$ है, तब $f$ का मान. . . . .है।
गैस को रुद्धोष्म रीति से संपीडित करने पर, संपीडन के दौरान इसकी विशिष्ट ऊष्मा होगी