$V$ आयतन की कुछ नियत मात्रा की गैस को $27^{\circ}\,C$ तापमान एवं $2 \times 10^7\,Nm ^{-2}$ दाब पर, समतापीय प्रक्रम से, इसका आयतन दोगुना होने तक प्रसारित किया जाता है। इसके बाद, इसे रूद्धोष्म प्रक्रम से इसका आयतन फिर से दोबारा दोगुना होने तक प्रसारित किया जाता है। गैस के अंतिम दाब का मान होगा (दिया है $\gamma=1.5$ )
$3.536 \times 10^{5}\,Pa$
$3.536 \times 10^{6}\,Pa$
$1.25 \times 10^{6}\,Pa$
$1.25 \times 10^{5}\,Pa$
गैस के दो मोल में रुद्धोष्म परिवर्तन द्वारा गैस की आन्तरिक ऊर्जा $2$ जूल से कम हो जाती है, प्रक्रम में गैस पर किया गया कार्य ....... $J$ होगा
एक ऊष्मारोधी (thermally insulating) बेलन के मध्य में एक घर्षणहीन चलायमान (frictionless movable) तथा ऊष्मारोधी द्विभाजक (partition) चित्रानुसार, लगा है। इसके दोनों भागों में एक-एक मोल (mole) आदर्श गैस हैं, जिसकी स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा $C_v=2 R$ है। यहाँ, $R$ गैस नियतांक है। आरंभ में, दोनों भागों का आयतन $V_0$ तथा तापमान $T_0$ है। बाएँ भाग में एक विद्युत हीटर लगा है, जिसको बहुत कम शक्ति (very low power) पर चलाकर बांयी तरफ की गैस को $Q$ ऊष्मा दी जाती है। इससे द्विभाजक, धीमी गति से दांयी तरफ जाता है जिससे दांयी तरफ का आयतन घटकर $V_0 / 2$ हो जाता है। इसके फलस्वरूप बांयी एवं दार्यीं भागों में गैस का तापमान क्रमशः $T_L$ तथा $T_R$ हो जाता है। हीटर, बेलन तथा द्विभाजक के तापमानों में परिवर्तन उपेक्षणीय है।
($1$) $\frac{T_R}{T_0}$ का मान है -
$(A)$ $\sqrt{2}$ $(B)$ $\sqrt{3}$ $(C)$ $2$ $(D)$ $3$
($2$) $\frac{Q}{R T_0}$ का मान है -
$(A)$ $4(2 \sqrt{2}+1)$ $(B)$ $4(2 \sqrt{2}-1)$ $(C)$ $(5 \sqrt{2}+1)$ $(D)$ $(5 \sqrt{2}-1)$
दिये गए सवाल का जवाब दीजिये ($1$) और ($2$)
${27^o}C$ ताप पर किसी एक-परमाणुक आदर्श गैस के $2$ मोल का आयतन $V $ है। यदि गैस को रूद्वोष्म रूप से $2V $ आयतन तक प्रसारित किया जाता है तो गैस द्वारा किया गया कार्य ....... $J$ होगा। $[\gamma = 5/3,\,R = 8.31J/mol\,K]$
वह प्रक्रम जिसमें ऊष्मा का निकाय से आदान-प्रदान नहीं होता, कहलाता है
समतापीय और रुद्धोष्म वक्रों की ढालों (Slopes) में सम्बन्ध है