$L$$(L < H/2)$ लम्बाई के एक समांगी ठोस बेलन के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $A/5$है। बेलन द्रव-द्रव सम्पर्क सतह पर तैर रहा है। बेलन का अक्ष ऊध्र्वाधर हैै। चित्रानुसार, बेलन की $L/4$लम्बाई अधिक घनत्व वाले द्रव में डूबी है तथा कम घनत्व वाला द्रव वायुमण्डल में खुला है। वायुमण्डलीय दाब ${P_0}$हो तो ठोस का घनत्व होगा
$\frac{5}{4}d$
$\frac{4}{5}d$
$d$
$\frac{d}{5}$
एक वस्तु किसी द्रव की सतह पर ठीक तैर रही है। वस्तु का घनत्व द्रव के घनत्व के समान है। वस्तु थोड़ी सी द्रव में (नीचे) धकेली जाती है। वस्तु पर क्या प्रभाव पड़ेगा
किसी कटोरे की तली में लगे स्प्रिंग पर कॉर्क का टुकड़ा रखकर जल में डुबोया जाता है। यदि कटोरा नीचे की ओर त्वरित किसी लिफ्ट में रखा जाए तो िस्प्रंग की लम्बाई
एक अर्धगोलाकार कटोरा $1.2 × 10^3kg/m^3$ घनत्व के द्रव में बिना डूबे तैर रहा है। कटोरे का बाह्य व्यास व घनत्व क्रमश: $1 m$ व $2 × 10^4 kg/m^3$ है। कटोरे का आंतरिक व्यास ........ $m$ होगा
किसी खोखले गोले का आयतन $V $ है। गोला जल में इस प्रकार तैर रहा है, कि इसका आधा आयतन जल में है। गोले में न्यूनतम कितना जल (आयतन में) भरा जाए कि यह डूब जाए
बीकर में भरे द्रव में एक पिण्ड तैर रहा है। यदि इस पूरे निकाय को चित्रानुसार स्वतन्त्रतापूर्वक गुरुत्व के अन्तर्गत गिराया जाये तो द्रव के द्वारा पिण्ड पर लगाया गया उत्प्लावन बल होगा