बाहरी त्रिज्या $R$ का एक खोखला गोलीय कोश पानी की सतह से ठीक नीचे तैरता है। कोश की आंतरिक त्रिज्या $r$ है। यदि कोश के पदार्थ का विशिष्ट घनत्व जल के सापेक्ष $\frac{27}{8}$ हैं, तब $r$ का मान $......R$ होगा।
$0.44$
$0.88$
$0.33$
$0.66$
एक ठोस गोला जिसका घनत्व जल के घनत्व से $ \eta ( > 1) $ गुना कम है। गोला, चित्रानुसार एक डोरी की सहायता से किसी पात्र के तली से संलग्न है। यदि गोले का द्रव्यमान $m$ हो, तो डोरी में तनाव होगा
किसी पात्र में पारे (घनत्व $ = 13.6 gm/cm^3$) के ऊपर तेल (घनत्व $= 0.8 gm/cm^3$) भरा है। एक समांगी गोला इसमें इस प्रकार तैर रहा है कि उसका आधा आयतन पारे व आधा तेल में डूबा है। गोले के पदार्थ का घनत्व $gm/cm^3$ में होगा
एक दूसरे में मिश्रित न होने वाले दो द्रव, जिनके घनत्व $\rho$ तथा $n \rho( n >1)$ हैं, किसी पात्र में भरें हैं । प्रत्येक द्रव की ऊँचाई $h$ है । लम्बार्ड $L$ और घनत्व $d$ के किसी बेलन को इस पात्र में रखा जाता है । यह बेलन पात्र में इस प्रकार तैरता है कि इसका अक्ष ऊर्ध्वाधर रहता है तथा इसकी लम्बाई $pL ( p <1)$ सघन द्रव में होती है । घनत्व $d$ का मान है
लकड़ी का एक घनाकार गुटका (प्रत्येक भुजा $10 \,cm$) जल-तेल संपर्क सतह पर चित्रानुसार तैर रहा है। इसका निचला तल क्षैतिज है व संपर्क सतह से $4\, cm$ नीचे है। तेल का घनत्व $0.6gmc{m^{ - 1}}$ है तो लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान ...... $gm$ होगा
किसी बीकर में रखे द्रव में कोई पिण्ड तैर रहा है। सम्पूर्ण निकाय (चित्रानुसार) गुरुत्व के अधीन मुक्त रूप से गिर रहा है। द्रव के कारण पिण्ड पर उत्प्लावक बल होगा