एक बड़ा जहाज जल में तैर सकता है, किन्तु स्टील की बनी हुई सुई डूब जाती है। इसक कारण है
श्यानता
पृष्ठ तनाव
घनत्व
उपरोक्त में से कोई नहीं
धातु के किसी नमूने का भार वायु में $210 gm $ जल में $180 gm$ व किसी द्रव में $ 120 gm$ है तो आपेक्षिक घनत्व $ (RD) $ होगा
जल में तैरती किसी नाव में स्टील की कुछ गेंदें रखीं हैं। गेंद एक-एक करके जल में फेंकी जाती हैं। जल स्तर
स्टील के किसी पिण्ड का आकार $5 cm × 5 cm × 5 cm $ है। स्टील का आपेक्षिक घनत्व $7 $ है पिण्ड को जल में तौला जाता है तो आभासी भार होगा
$R $ त्रिज्या का कंक्रीट (Concrete) का गोला बीच में खोखला है। खोखले भाग की त्रिज्या $r$ है व उसमें लकड़ी का बुरादा भरा है। कंक्रीट व लकड़ी के बुरादे के विशिष्ट गुरुत्व क्रमश: $2.4$ व $ 0.3$ हैं। गोले को पूरी तरह जल में डूबकर तैरने के लिय कंक्रीट व लकड़ी के बुरादे के द्रव्यमानों का अनुपात क्या होगा
एक त्रिज्या $R$ त्रिज्या घनत्व $\rho$ वाले ठोस गोलक को एक द्रव्यमान रहित स्प्रिंग के एक सिरे से जोड़ा गया है। इस स्प्रिंग का बल नियतांक $k$ है। स्प्रिंग के दूसरे सिरे को दूसरे ठोस गोलक से जोड़ा गया है जिसकी त्रिज्या $R$ व घनत्व $3 p$ है। पूर्ण विन्यास को $2 p$ घनत्व के द्रव में रखा जाता है और इसको साम्यावस्था में पहुँचने दिया जाता है। सही प्रकथन है/हैं -
$(A)$ स्प्रिंग की नेट दैर्ध्यवृद्धि $\frac{4 \pi R ^3 \rho g }{3 k }$ है।
$(B)$ स्प्रिंग की नेट दैर्ध्यवृद्धि $\frac{8 \pi R^3 \rho g }{3 k }$ है।
$(C)$ हल्का गोलक आंशिक रूप से डूबा हुआ है।
$(D)$ हल्का गोलक पूर्ण रूप से डूबा हुआ है।