एक चुम्बकीय सुई  को एक असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है। यह अनुभव करती है

  • [AIEEE 2005]
  • [IIT 1982]
  • A

    एक बल और एक बल आघूर्ण

  • B

    एक बल लेकिन एक बल आघूर्ण नहीं

  • C

    एक बल आघूर्ण लेकिन एक बल नहीं

  • D

    न बल आघूर्ण और न ही बल

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दो चुम्बकीय द्विध्रुवों $X$ तथा $Y$ को चित्रानुसार $d$ दूरी पर, उनके अक्षों को परस्पर लम्बवत् करके, रखा है। $Y$ का द्विध्रुव आघूर्ण $X$ का दो गुना है। $q$ आवेश का एक कण इन दोनों के ठीक मध्य बिंदु $P$ से क्षैतिज रेखा से $\theta=45^{\circ}$ के कोण पर, चित्रानुसार, गुजरता है। इस क्षण पर कण पर एक लगे बल का परिमाण क्या होगा ?

(दिया है : $d$ द्विध्रुव के आकार (dimensions) से अत्यधिक बड़ा है)

  • [JEE MAIN 2019]

एकसमान चुम्बकीय आघूर्ण $M$ वाले दो छोटे-छोटे दण्ड चुम्बक (चित्रानुसार) परस्पर लम्बवत् स्थित हैं। दोनों  चुम्बकों के समकोण-अर्धक पर $d$ दूरी पर स्थित बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी

समान चुम्बकीय आघूर्ण $M $ के दो एकसमान छड़चुम्बक $P$ एवं $Q$ लिये गये हैं। यदि $P$  को इसकी अक्षीय रेखा के परित: तथा $Q$  को इसकी निरक्ष के परित: काट दिया जाय तो चारों भागों में

एक दण्ड चुम्बक का केन्द्र $O$  और लम्बाई  $4 $ सेमी है । बिन्दु $P_1$ निरक्षीय स्थिति में और बिन्दु $P_2$ अक्षीय स्थिति में इस प्रकार है कि $OP_1 = OP_2 = 10$ मीटर ।  $P_1$  और $P_2$ पर चुम्बकीय तीव्रता $H$ का अनुपात होगा

दो चुम्बक $A$ व $B$ सर्वसम हैं तथा उन्हें चित्रानुसार व्यवस्थित किया गया है। उनकी लम्बाई   उनके मध्य दूरी की तुलना में नगण्य है। दोनों चुम्बकों के मध्य बिन्दु $P$ पर एक चुम्बकीय सुई   रखी गयी है जो चुम्बकों के प्रभाव में $\theta $ कोण से विक्षेपित हो जाती है। दूरियाँ ${d_1}$ व ${d_2}$ का अनुपात होगा