एक चुम्बकीय सुई  को एक असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है। यह अनुभव करती है

  • [AIEEE 2005]
  • [IIT 1982]
  • A

    एक बल और एक बल आघूर्ण

  • B

    एक बल लेकिन एक बल आघूर्ण नहीं

  • C

    एक बल आघूर्ण लेकिन एक बल नहीं

  • D

    न बल आघूर्ण और न ही बल

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दो समान दण्ड चुम्बकों, जिसके केन्द्र $r $ मीटर दूरी पर हैं, के अक्ष एक ही रेखा पर हों, तब $4.8 \,N $ का बल लगता है। यदि इनके मध्य की दूरी $2r$  कर दी जाये, तो उनके बीच बल का मान .........$N$ कम हो जायेगा

  • [AIIMS 1995]

एक लम्बी चुम्बकीय सुई  जिसकी लम्बाई  $2\,L$  चुम्बकीय आघूर्ण $M$  एवं ध्रुव प्राबल्य $m$ इकाई  है, मध्य में से दो भागों में टूट जाती है । प्रत्येक टुकड़े का चुम्बकीय आघूर्ण एवं ध्रुव प्राबल्य है

दो छड़ चुम्बकों के चुम्बकीय आघूणो  र्की तुलना कर सकते हैं

अक्षीय और निरक्षीय स्थिति में एक ही स्थान पर दो छोटे चुम्बकों के कारण समान दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रताओं का अनुपात होता है

दो समान पतले दण्ड चुम्बकों को, जिनमें प्रत्येक की लम्बाई  $ l $ है और ध्रुव प्राबल्य $m$  है, $90°$  के कोण पर रखा जाता है इस प्रकार कि एक चुम्बक उत्तरी ध्रुव पर दूसरी चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव के साथ आता है निकाय का चुम्बकीय आघूर्ण है