$50 \,gm $ भार एवं $10 \,cm $ लम्बाई की दो एकसमान छड़ चुम्बकें चित्रानुसार एक काँच नलिका में ऊध्र्वाधर स्थित हैं। इनके समान ध्रुव चित्रानुसार आमने-सामने है। ऊपर वाली चुम्बक नीचे वाली चुम्बक से वायु में इस प्रकार सन्तुलित रहती है कि इनके पास वाले ध्रुवों के बीच की दूरी $ 3\,mm$ है। प्रत्येक चुम्बक की ध्रुव सामथ्र्य ......$ amp × m$ होगी
$6.64$
$2$
$10.25$
उपरोक्त में से कोई नहीं
$2M $ व $M$ चुम्बकीय आघूर्णों वाले दो छड़ चुम्बकों को एक-दूसरे के लम्बवत् रखकर एक क्रॉस निकाय बनाया गया है, यह क्रॉस निकाय, दोनों चुम्बकों के केन्द्रों से होकर जाने वाले ऊध्र्वाधर अक्ष के परित: घूर्णन के लिये स्वतंत्र है। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में यह क्रॉस निकाय इस प्रकार से समंजित होता है कि $2M$ चुम्बकीय आघूर्ण वाला चुम्बक, चुम्बकीय याम्योत्तर से $ \Theta $ कोण बनाता है। तब
दो चुम्बक जिसका चुम्बकीय आघूर्ण $M$ तथा $2 M$ है एक वाईब्रेशन मैग्नेटोमीटर में रखी है। यदि दोनों के सम ध्रुव साथ हो तो आवर्तकाल $T _{1}$ तथा विषम ध्रुव साथ हो तो आर्वत काल $T _{2}$ है। तो-
दो चुम्बकों को चित्रानुसार समकोण पर जोड़ा गया हैं। चुम्बक $1$ का चुम्बकीय आघूर्ण, चुम्बक $2$ के चुम्बकीय आघूर्ण का $3$ गुना है। इस व्यवस्था को इस प्रकार कीलकित किया गया है कि यह क्षैतिज तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है। संतुलन की स्थिति में चुम्बक $ 1$ चुम्बकीय याम्योत्तर से किस कोण पर होगा
चुम्बकीय आघूर्ण का मात्रक है
समान चुम्बकीय आघूर्ण $M $ के दो एकसमान छड़चुम्बक $P$ एवं $Q$ लिये गये हैं। यदि $P$ को इसकी अक्षीय रेखा के परित: तथा $Q$ को इसकी निरक्ष के परित: काट दिया जाय तो चारों भागों में