एक लघु छड़ चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण $1.2 \,A-m^2$ है। इसके अक्ष पर $0.1\, m$ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र है ($\mu_0 = 4\pi \times 10^{-7}\, T-m/A$)
$1.2 \times 10^{-4} \,T$
$2.4 \times 10^{-4} \,T$
$2.4 \times 10^{4} \,T$
$1.2 \times 10^{4} \,T$
एक छोटे छड़ चुम्बक के अक्ष पर स्थित बिन्दु $x$ पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता उसी चुम्बक के निरक्षीय रेखा पर स्थित बिन्दु $ y $ पर क्षेत्र तीव्रता के बराबर है । चुम्बक के केन्द्र से $x$ और $ y$ की दूरियों का अनुपात है
दण्ड चुम्बक की चुम्बकीय बल रेखाएँ एक-दूसरे को नहीं काटतीं क्योंकि
एक छड़ (दंड) चुम्बक की लम्बाई $^{\prime} 1 ^{\prime}$ है और इसका चुम्बकीय द्विध्रुव बल-आघूर्ण $^{\prime} M ^{\prime}$ है। यदि इसे आरेख ( चित्र ) में दिये गये अनुसार एक चाप के आकार में मोड़ दिया जाय तो, इसका नया चुम्बकीय द्विध्रुव बलआघूर्ण होगा:
चुम्बक में चुम्बकत्व का कारण है
किसी चुम्बक के केन्द्र से $R $ दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता समानुपाती होती है