एक समानांतर पट्टिका संधारित्र (parallel plate capacitor) की पट्टिकाओं के बीच की जगह को एक परावैधुत गुणांक (dielectric constant) $K>1$ वाले माध्यम से भरा गया है। पट्टिकों का क्षेत्रफल वृहत् है तथा उनके बीच की दूरी $d$ है। संधारित्र को एक विभव (potential) $V$ बैटरी से जोड़ा गया है, जैसा कि चित्र $(a)$ में दर्शाया गया है। अब दोनो पट्टिकाओं को अपनी मूल स्थिति से $\frac{d}{2}$ दूरी से विस्थापित किया गया है, जैसा कि चित्र $(b)$ में दर्शाया गया है।
चित्र $(a)$ में दर्शित संयोजन (configuration) से चित्र $(b)$ में दर्शित संयेजनन में जाने पर, निम्न में से कौन सा (से) कथन सही है (हैं) ?
परावैधुत माध्यम के अंदर विधुत क्षेत्र $2 K$ गुणांक (factor) से घट जाता है।
धारिता $\frac{1}{K+1}$ गुणांक से घट जाती है।
संधारित्र पट्टिकाओं के बीच में विभव $(K+1)$ गुणांक से बढ़ जाता है।
इस प्रक्रिया में किया गया कार्य परावैधुत माध्यम की उपस्थिति पर निर्भर नहीं करता है।
किसी वायु संधारित्र को एक बैटरी से जोड़ा गया है। संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच का स्थान परावैद्युत से भरने का परिणाम है, बढ़ जाना
एक समानान्तर प्लेट संधारित्र की प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल $100\,c{m^2}$ है और दोनों प्लेटों के बीच की दूरी $1 \,mm$ है, जिसमें अभ्रक भरा हुआ है, जिसका परावैद्युतांक $6$ है। उसकी धारिता के तुल्यधारिता वाले गोले की त्रिज्या .......$m$ होगी
दो सर्वसम समान्तर पट्टिका संधारित्रों में, प्रत्येक की, धारिता $C$ है उनकी प्लेटों (पट्टिकाओं) का क्षेत्रफल $A$ हैं और पट्टिकाओं के बीच की दूरी $d$ है। दोनों प्लेटों के बीच के स्थान को $K _{1}, K _{2}$ तथा $K _{3}$ परावैधुतांक के तीन परावैधुत स्लैब से भर दिया है। सभी स्लैबों की मोटाई समान हैं किन्तु पहले संधारित्र में उन्हें, आरेख $I$ के अनुसार तथा दूसरे में आरेख $II$ के अनुसार रखा गया है।
$\left( E _{1}\right.$ तथा $E _{2}$ क्रमशः प्रथम तथा द्वितीय संधारित्र से सम्बन्धित है)
यदि इन नये संधारित्रों में प्रत्येक को समान विभव $V$ से आवेशित किया जाये तो, इनमें संचित ऊजाओं का अनुपात होगा ।
वर्गाकार प्लेटों वाले एक समान्तर प्लेट संधारित्र को चित्रानुसार चार परावैधुतों, जिनके परावैधुतांक $K _{1}, K _{2}, K _{3}$ तथा $K _{4}$ है, से भर दिया जाता है तो प्रभावी परावैधुतांक $K$ का मान होगा?
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $10\,\mu F$ है जबकि प्लेटों के मध्य वायु है। यदि प्लेटों के मध्य आधी दूरी तक एक परावैद्युत माध्यम जिसका परावैद्युतांक $2$ है, भर दिया जाये तो संधारित्र की नयी धारिता $\mu F$ में होगी