किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र, जिसकी पट्टिकाओं का क्षेत्रफल ' $A$ ' तथा पट्टिकाओं के बीच पथकन ' $d$ ' है में कोई परावैधुत पदार्थ भरा है। इस संधारित्र की धारिता क्या होगी जबकि परावैधुत पदार्थ की विधुतशीलता/ परावैघुतांक में विचरण नीचे दिए अनुसार हो रहा है :

$\varepsilon( x )=\varepsilon_{0}+ kx$, जबकि $\left(0< x \leq \frac{ d }{2}\right)$

$\varepsilon( x )=\varepsilon_{0}+ k ( d - x )$, जबकि $\left(\frac{ d }{2} \leq x \leq d \right)$

  • [JEE MAIN 2021]
  • A

    $0$

  • B

    $\frac{{kA}}{2 \ln \left(\frac{2 \varepsilon_{0}+{kd}}{2 \varepsilon_{0}}\right)}$

  • C

    $\left(\varepsilon_{0}+\frac{{kd}}{2}\right)^{2 / / {kA}}$

  • D

    $\frac{{kA}}{2} \ln \left(\frac{2 \varepsilon_{0}}{2 \varepsilon_{0}-{kd}}\right)$

Similar Questions

$K$ परावैद्युतांक वाले किसी गुटके के अनुप्रस्थकाट का क्षेत्रफल, एक समानान्तर पट्टिका संधारित्र की पट्यियों के क्षेत्रफल के बराबर है, एवं उसकी मोटाई $\frac{3}{4} d$ है, जहाँ $d$ संधारित्र की पट्यिं के बीच की दूरी है। जब गुटके को संधारित्र की प्लेटों के बीच में रखा जाता है तो इसकी धारिता होगी : (दिया है $C _{ o }$ संधारित्र की प्रारम्भिक धारिता है)

  • [JEE MAIN 2022]

यदि समान्तर प्लेट संधारित्र में प्लेटों के बीच ${t_1}$ मोटाई तथा ${k_1}$ परावैद्युतांक की एक प्लेट तथा शेष स्थान में ${t_2}$ मोटाई तथा ${k_2}$ परावैद्युतांक की एक प्लेट हो, तो दोनों प्लेटों के बीच विभवान्तर होगा

एक समानान्तर पट्ट संधारित्र की प्लेटों को $100$ वोल्ट तक आवेशित किया गया है। एक $2$ मिमी मोटाई की पट्टी प्लेटों के बीच खिसकाया जाता है, तो प्लेटों के बीच वही विभवान्तर बनाए रखने के लिए प्लेटों के बीच दूरी $1.6$ मिमी बढ़ायी जाती है। पट्टी का परावैद्युतांक है

एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल $A$ हैं और प्लेटों के बीच दूरी $d$ हैं। प्लेटों के बीच स्थान को एक परावैद्युत से भरा गया है जिसकी विद्युतशीलता एक प्लेट पर $\varepsilon_{1}$ से दूसरी प्लेट पर $\varepsilon_{2}$ तक रेखिक रूप में परिवर्तित होती है। संधारित्र की धारिता हैं :

  • [JEE MAIN 2014]

एक गोलीय संधारित्र के भीतरी गोले की त्रिज्या $12 \,cm$ तथा बाहरी गोले की त्रिज्या $13\, cm$ है। बाहरी गोला भू-संपर्कित है तथा भीतरी गोले पर $2.5\, \mu C$ का आवेश दिया गया है। संकेंद्री गोलों के बीच के स्थान में $32$ परावैध्यूतांक का द्रव भरा है।

$(a)$ संधारित्र की धारिता ज्ञात कीजिए।

$(b)$ भीतरी गोले का विभव क्या है?

$(c)$ इस संधारित्र की धारिता की तुलना एक $12 \,cm$ त्रिज्या वाले किसी वियुक्त गोले की धारिता से कीजिए। व्याख्या कीजिए कि गोले की धारिता इतनी कम क्यों है।