किसी धात्विक गुटके की विमायें $5 cm × 5 cm × 5 cm$ व उसके पदार्थ का घनत्व $5 \,gm \,cm^{-3}$ है। गुटके का जल में आभासी भार होगा
$5 × 5 × 5 × 5 \,gf$
$4 × 4 × 4 × 4\, gf$
$5 × 4 × 4 × 4 \,gf$
$4 × 5 × 5 × 5 \,gf$
स्प्रिंग तुला $A$ पर जब $m$ द्रव्यमान का पिण्ड लटकाया जाता है तब उसका पाठ $2$ किग्रा आता है। एक तुला $B$ बीकर में भरे जल का पाठ $5$ किग्रा पढ़ती है, जब बीकर को तुला के पलड़े पर रखा जाता है। अब इन दोनों को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है कि द्रव्यमान $m$ पूर्ण रुप से पानी में डूब जाये जैसा चित्र में दिखाया गया है। इस स्थिति में
चित्र में अनियमित आकार की एक लंबी पानी की टंकी को दिखाया गया है। CD दीवार, क्षैतिज से $45^{\circ}$ कोण बनाती है। दीवार $AB$ आधार $BC$ के लम्बवत है। $AB$ एवं $CD$ की लंबाई पानी की ऊँचाई $h$ से काफी छोटी है। मान लीजिये कि दीवार $A B$, आधार $B C$ एवं दीवार $C D$ पर दाब क्रमशः $P_1, P_2$ एवं $P_3$ है। पानी का घनत्व $\rho$ एवं गुरुत्वीय त्वरण $g$ है। तब लगभग
यदि $\rho $ घनत्व की किसी वस्तु का भार $W$ है, तो वायु (घनत्व $\sigma $) में इसका आभासी भार होगा
एक ठोस गोला जिसका घनत्व जल के घनत्व से $ \eta ( > 1) $ गुना कम है। गोला, चित्रानुसार एक डोरी की सहायता से किसी पात्र के तली से संलग्न है। यदि गोले का द्रव्यमान $m$ हो, तो डोरी में तनाव होगा
गुएरिक (Guericke) के प्रयोग में वायुमंडलीय दाब के असर को दिखाने के लिए तांबे के दो अर्धवृत्तीय गोलों को एक दूसरे के साथ जोड़कर एक खोखला गोला बनाया जाता है, और इस गोले में निर्वात पैदा करने के लिए हवा निकाल दी जाती है। यदि प्रत्येक अर्धगोले की त्रिज्या $R$ है और वायुमंडलीय दाब $P$ है, तब अर्धगोलों को अलग करने के लिए न्यूनतम कितना बल लगाना होगा ?