एक समान्तर प्लेट संधारित्र, जिसकी प्लेटों के बीच की दूरी $5 \mathrm{~mm}$ है, को एक बैटरी द्वारा आवेशित किया जाता है। यह पाया जाता है कि इसकी प्लेटों के बीच $2 \mathrm{~mm}$, मोटाई की एक परावैद्युत चादर रखने से इस पर पहले से $25 \%$ अधिक आवेश एकत्रित होता है जबकि बैटरी कनेक्शन लगा रहे, च्चादर पर परातैद्युतांक . . . . . . हैं।

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  • A

    $1$

  • B

    $2$

  • C

    $3$

  • D

    $4$

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$90\, pF$ धारिता के एक समान्तर प्लेट संधारित्र को $20\, V$ विघुत वाहक बल की एक बैटरी से जोड़ते हैं। यदि $K=\frac{5}{3}$ परावैघुत पदार्थ प्लेटों के बीच प्रविष्ट किया जाता है तो प्रेरित आवेश का ......... $nC$ परिमाण होगा

  • [JEE MAIN 2018]

एक समान्तर पट्ट संधारित्र की धारिता $5\, \mu F$ है, जब संधारित्र के बीच की एक काँच पट्टिका रखी जाती है, तो विभवान्तर आरम्भिक मान का $1/8$ गुना होता है। काँच के परावैद्युत स्थिरांक का मान है

जब किसी संधारित्र की समान्तर पट्टिकाओं, जो बैटरी से जुड़ी हैं, के बीच एक परावैद्युत पदार्थ का स्लैब रखा जाता है, तो पट्टिकाओं के ऊपर आवेश पहले के आवेश की अपेक्षा

एक समान्तर प्लेट वायु संधारित्र की प्लेटों के मध्य की दूरी $3\,mm$ है। अब यदि $1\,mm$ मोटी एवं परावैद्युतांक $2$ वाली एक परावैद्युत पट्टी प्लेटों के बीच रख दी जाये तो धारिता बढ़ जाती है। इसकी धारिता के मान को पूर्ववत् रखने के लिये प्लेटों के बीच की दूरी..........$mm$ करनी होगी

एक समान्तर प्लेट संधारित्र दो प्लेटों से बना है जिनकी लम्बाई $l$, चौडाई $w$ हैं और एक दुसरे से $d$ दूरी पर है। एक परावैद्युत पट्टी (परावैद्युतांक $K$ ) जो कि प्लेटों के बीच ठीक से समा जाती है, को प्लेटों की सिरे के पास पकड़ कर रखा हुआ है। इसे संधारित्र के अन्दर बल $F =-\frac{\partial U }{\partial x}$ द्वारा खींचा जाता है जहाँ $U$ संधारित्र की तब ऊर्जा है जब परावैद्युत संधारित्र के अन्दर $x$ दूरी पर है। (चित्र देखें)। यदि संधारित्र पर आवेश $Q$ है, तब परावैद्युत पर बल, जब वह सिरे के पास है, होगा

  • [JEE MAIN 2014]