चित्र में दिखाए गये घर्षणरहित पथ $AOC$ पर $1 \,kg$ द्रव्यमान का एक कण बिन्दु $A$ (ऊँचाई $2$ मीटर) से विरामावस्था से शुरू होकर नीचे की ओर फिसलता है। बिन्दु $C$ पर पहुँचने के बाद यह पर प्रक्षेप्य (projectile) की तरह हवा में चलते रहता है। जब यह अपने उच्चतम बिन्दु $P$ (ऊँचाई $1$ मीटर) पर पहुँचेगा, तो इसकी गतिज ऊर्जा ( $J$ में) का मान होगा: (दिखाया गया चित्र सांकेतिक है; $g$ का मान $10 \,ms ^{-2}$ लें)
$8$
$10$
$15$
$13$
गति $'v'$ से चलता हुआ एक न्यूट्रॉन एक स्थिर हाईड्रोजन परमाणु, जो अपनी आद्य-अवस्था में है, से सम्मुख टक्कर करता है। न्युट्रॉन की वह न्यूनतम गतिज ऊर्जा बतायें जिस के होने पर यह टक्कर अप्रत्यास्थ होगी
एक क्षैतिज व घर्षण रहित मेज पर रखे एक ठोस गुटके से एक गोली टकराती है एवं इसमें धँस जाती है। इसमें संरक्षित रहता है
दिए हुए चित्रानुसार, $250\,g$ द्रव्यमान के दो गुटके, एक दूसरे से $2\,Nm ^{-1}$ स्प्रिग गुणांक वाली स्प्रिग के द्वारा जुड़े हैं। यदि दोनों गुटकों को $v$ वेग से विपरित दिशाओं में चलाया जाता है, तो स्प्रिंग के विस्तार का अधिकतम मान होगा :
$2\, mm$ त्रिज्या की वर्षा की कोई बूंद $500\, m$ की ऊंचाई से पृथ्वी पर गिरती है। यह अपनी आरंभिक ऊंचाई के आधे हिस्से तक (वायु के श्यान प्रतिरोध के कारण ) घटते त्वरण के साथ गिरती है और अपनी अधिकतम (सीमान्त) चाल प्राप्त कर लेती है, और उसके बाद एकसमान चाल से गति करती है। वर्षा की बूंद पर उसकी यात्रा के पहले व दूसरे अर्ध भागों में गुरुत्वीय बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा ? यदि बूंद की चाल पृथ्वी तक पहुंचने पर $10\, m s ^{-1}$ हो तो संपूर्ण यात्रा में प्रतिरोधी बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा ?
$50 \,kg$ द्रव्यमान की एक वस्तु को ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर $100 \,m/sec$ के वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। 5 सैकण्ड पश्चात् यह वस्तु $20 \,kg$ व $30\, kg$ के दो टुकड़ों में टूट जाती है। यदि $20 \,kg$ का टुकड़ा ऊपर की ओर $150\, m/sec$ से गति करे, तो दूसरे टुकड़े का वेग होगा