दिए हुए चित्रानुसार, $250\,g$ द्रव्यमान के दो गुटके, एक दूसरे से $2\,Nm ^{-1}$ स्प्रिग गुणांक वाली स्प्रिग के द्वारा जुड़े हैं। यदि दोनों गुटकों को $v$ वेग से विपरित दिशाओं में चलाया जाता है, तो स्प्रिंग के विस्तार का अधिकतम मान होगा :
$\frac{ v }{2 \sqrt{2}}$
$\frac{ V }{2}$
$\frac{ V }{4}$
$\frac{ V }{\sqrt{2}}$
$m$ द्रव्यमान का एक कण ${V_0}$ वेग से $m$द्रव्यमान के ही सरल लोलक से टकराता है तथा इससे चिपक जाता है। लोलक द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई होगी
रेखीय सरल आवर्त गति कर रहे किसी कण का स्थितिज ऊर्जा फलन $V(x)=k x^{2} / 2$ है, जहां $k$ दोलक का बल नियतांक है । $k=0.5$ $N m ^{-1}$ के लिए $V(x)$ व $x$ के मध्य ग्राफ चित्र में दिखाया गया है। यह दिखाइए कि इस विभव के अंतर्गत गतिमान कुल $1 \,J$ ऊर्जा वाले कण को अवश्य ही 'वापिस आना' चाहिए जब यह $x=\pm 2 m$ पर पहुंचता है।
विराम में स्थित एक वस्तु $3$ भागों में टूट जाती है। यदि समान द्रव्यमान के दो भाग एक दूसरे के लम्बवत् $12\,m/s$ के वेग से गतिमान हो, तो तीसरे भाग का वेग क्या होगा जिसका द्रव्यमान प्रत्येक भाग का $3$ गुना है
कोई व्यक्ति वजन कम करने के लिए $10\, kg$ द्रव्यमान को $0.5\, m$ की ऊंचाई तक $1000$ बार उठाता है। मान लीजिए कि प्रत्येक बार द्रव्यमान को नीचे लाने में खोई हुई ऊर्जा क्षयित हो जाती है। $(a)$ वह गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध कितना कार्य करता है ? $(b)$ यदि वसा $3.8 \times 10^{7} J$ ऊर्जा प्रति किलोग्राम आपूर्ति करता हो जो कि $20 \%$ दक्षता की दर से यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है तो वह कितनी वसा खर्च कर डालेगा ?
एक $8\, kg$ द्रव्यमान का स्वतंत्र पिण्ड $2 \,m/s$ के वेग से रेखीय गति कर रहा है। आन्तरिक विस्फोट के कारण किसी क्षण पिण्ड दो बराबर भागों में टूट जाता है जिससे $16$ जूल ऊर्जा मुक्त होती है। यदि किसी भी पिण्ड की गति मूल रेखा से विचलित नहीं होती है, तो