एक कण जो कि मूल बिंदु से $1 \,m$ की दूरी पर है इस प्रकार चलना प्रारंभ करता है कि $d r / d \theta=r$, जहाँ $(r, \theta)$ ध्रुवीय निर्देशांक हैं. तब परिणामी वेग तथा वेग के स्पशरेखीय भाग के बीच का कोण

  • [KVPY 2016]
  • A

    $30^{\circ}$ है.

  • B

    $45^{\circ}$ है.

  • C

    $60^{\circ}$ है.

  • D

    कण की स्थिति पर निर्भर करता है.

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एक वृत्ताकार पथ पर एकसमान चाल से गतिमान एक कण जारी रखता है :

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$10 \mathrm{~m}$ त्रिज्या वाले वृत्ताकार पथ पर एक वस्तु नियत चाल से चल रही हैं। यह वस्तु $4$ सेकेण्ड में एक चक्कर पूरा करती है। $3$ सेकेण्ड के अन्त में वस्तु का इसकी प्रारम्भिक स्थिति से विस्थापन है :

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एक शांकव (conical) दोलक, जिसकी लम्बाई $1\; m$ है और जो $Z-$अक्ष से $\theta=45^{\circ}$ के कोण पर हैं, $X Y$ समतल में एक गोलाकार पथ में चलता है। गोलाकार पथ की त्रिज्या $0.4\; m$ है और उसका केन्द्र बिन्दु $O$ के ठीक नीचे है। उस दोलक की गति गोलाकार पथ में होगी : $\left(g=10 \;ms ^{-2}\right)$

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