एक कण, जिसका आवेश इलेक्ट्रॉन के आवेश के समान है, $0.5\, T$ चुम्बकीय क्षेत्र में एक $0.5 \,cm$ त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर चलता है। यदि $100\, V / m$ का विधुत क्षेत्र लगाने पर यह कण एक सीधी रेखा में चलता है, तो कण का द्रव्यमान होगा :
(दिया है इलेक्ट्रॉन का आवेश $=1.6 \times 10^{-19} \,C$ )
$9.1 \times 10^{-31}\, kg$
$1.6 \times 10^{-27}\, kg$
$1.6 \times 10^{-19}\, kg$
$2.0 \times 10^{-24}\, kg$
ऊष्मित कैथोड से उत्सर्जित और $2.0\, kV$ के विभवांतर पर त्वरित एक इलेक्ट्रॉन, $0.15 \,T$ के एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन का गमन पथ ज्ञात कीजिए यदि चुंबकीय क्षेत्र $(a)$ प्रारंभिक वेग के लंबवत है $(b)$ प्रारंभिक वेग की दिशा से $30^{\circ}$ का कोण बनाता है।
$m$ द्रव्यमान एवं $q$ आवेश से आवेशित एक कण ${H^ + },\,H{e^ + }$ -अक्ष के अनुदिश $v$ वेग से गति करता हुआ विद्युत क्षेत्र $E$ एवं चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में प्रवेश करता है। निम्न में से किस चित्र में आवेश पर लगने वाला बल शून्य हो सकता है
चित्रानुसार, आवेशित और अनावेषित कणों से बनी एक समांतरित (एक दिशिकृत) किरण पुंज किसी पटल पर चिन्हित छिद्र $P$ की ओर निर्देशित है. यदि चित्र के अनुसार वैद्युत और तल के लम्बवत (out of the plane) चुम्बकीय क्षेत्रों को शुरू कर दिया जाए तो निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
समान गतिज ऊर्जा के साथ, एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन, एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् प्रवेश करता है और वह क्रमश: ${r_e}$ एवं ${r_p}$ त्रिज्या का वृत्ताकार पथ दर्शाये तब
$10^{8}$ कूलाम/किग्रा विशिष्ट आवेश वाला एक आवेशित कण $3 \times 10^{5}$ मी/सेकंड के वेग से $0.3\; T$ वाले चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र से $30^{\circ}$ का कौन बनाते हुए प्रवेश करता है तो वक्रता त्रिज्या होगी