द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ का एक कण पर एक विधुत क्षेत्र $E ( x )= E _{0}\left(1- ax ^{2}\right)$, जो $x$-दिशा में है, लगाया जाता है। यहाँ पर $a$ तथा $E _{0}$ स्थिरांक है आरम्भ में कण $x =0$ पर विरामावस्था में है। प्रारम्भिक अवस्था के अतिरिक्त मूल बिन्दु से कण की किस दूरी पर कण की गतिज ऊर्जा शून्य होगी?
$\sqrt{\frac{2}{a}}$
$\sqrt{\frac{1}{a}}$
$a$
$\sqrt{\frac{3}{a}}$
एक प्रोटॉन और प्रति-प्रोटॉन (anti-proton) निर्वात में एक दूसरे के निकट इस प्रकार आते हैं कि उनके मध्य दूरी $10 \,cm$ रहती है. अनंत पर स्थितिज ऊर्जा का मान शून्य मान लेते हैं तो इस दूरी पर उनका वेग .......... $m/s$ होगा ?
निम्न चित्र में एक बिन्दु आवेश को बिन्दु $P$ से $A$, $B$ तथा $C$ तक लाने में कार्य क्रमश: $W_A$, $W_B$ तथा $W_c$ ,है, तब
एक $\alpha$-कण एवं एक प्रोट्रोन, समान विभवान्तर के द्वारा विश्रामावस्था से त्वरित किए जाते हैं। इन दोनों कणों के द्वारा प्राप्त किए गए रेखीय संवेगों का अनुपात है:
एक ऋणात्मक आवेश को पृथ्वी की सतह से ऊपर ले जाने में स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन होगा
कुल आवेश $q$ तथा त्रिज्या $3 a$ का एक एकसमान आवेशित वलय $xy$-समतल में मूलबिंदु पर केन्द्रित रखा है। एक बिन्दु आवेश $q$ इस वलय की तरफ $Z$-अक्ष पर चल रहा है। इसकी $z =4 a$ पर चाल $v$ है। मूलबिंदु को पार करने के लिए $v$ का न्यूनतम मान होगा ।