जब एक सरल लोलक को चित्र में दिखाये अनुसार $P$ से छोड़ा जाता है। तो $Q$ तक पहुँचने पर यह वायु घर्षण के कारण कुल ऊर्जा का $10\%$ भाग खो देता है। $Q$ पर इसका वेग ..... $m/sec$ होगा
$6$
$1$
$2$
$8$
लकड़ी के किसी बेलनाकार गुटके (ब्लॉक) की लम्बाई $54 \; cm$, तथा घनत्व $650 \; kg m ^{-3}$ है। इसके आधार का क्षेत्रफल $30 \; cm ^{2}$ है, और यह $900 \; kg m$ घनत्व वाले द्रव में तैर रहा है (प्लवमान है)। इस ब्लॉक को थोड़ा सा नीचे की ओर दबाकर छोड़ दिया जाता है। परिणाम स्वरूप उत्पत्र इसके दोलनों का आवर्तकाल, किस लम्बाई (लगभग) के सरल लोलक के आवर्तकाल के बराबर होगा ?
किसी लोलक के गोलक की अपनी निम्नतम स्थिति में चाल $3\; m / s$ है। इस लोलक की लम्बाई $50\; cm$ है। जिस समय लोलक की लम्बाई ऊर्ध्वाधर से $60^{\circ}$ का कोण बनाती है, उस समय गोलक की चाल $\dots\;m / s$ होगी। $\left( g =10 \;m / s ^{2}\right)$
सरल लोलक का आवर्तकाल दुगना हो जायेगा जबकि
यदि $2 \;m$ लम्बे सरल लोलक का आवर्तकाल $2 \;s$ है तो उस स्थान पर, जहाँ यह सरल लोलक सरल आवर्त गति कर रहा है, गुरूत्वीय त्वरण का मान होगा।
एक घड़ी जो $20^\circ C$ ताप पर सही समय दर्शाती है इसे $40^\circ C$ ताप पर रखा जाता है। यदि पेण्डुलम का रेखीय प्रसार गुणांक $12 \times {10^{ - 6}}/^\circ C$ हो तो यह कितने समय पीछे या आगे होगी