एक खोखले गोले को उसमें बने हुए एक छिद्र द्वारा पानी से भरा जाता है। तत्पश्चात् उसे एक लम्बे धागे द्वारा लटकाकर दोलायमान किया जाता है। जब तल में स्थित छिद्र से पानी धीरे-धीरे बाहर निकलता है, तो गोले का दोलनकाल
लगातार घटेगा
लगातार बढ़ेगा
पहले घटेगा और बाद में बढकर प्रारम्भिक मान पर आ जायेगा
पहले बढ़ेगा और बाद में घटकर प्रारम्भिक मान पर आ जायेगा
$a$ कोण पर झुके हुए घर्षण-हीन नत समतल पर नीचे की ओर गतिमान कार की छत से लटके हुए $L$ लम्बाई के सरल लोलक का आवर्तकाल है
एक स्थिर लिफ्ट की छत से लटके हुये सरल लोलक का दोलनकाल $T_1$ है। जब लिफ्ट नियत वेग से नीचे की ओर गति करें तो सरल लोलक का दोलनकाल $T_2$ हो जाता है, तब
सरल लोलक जिसकी लम्बाई $L$ तथा गोलक का द्रव्यमान $M $ है, एक तल में ऊध्र्वाधर रेखा के परित: $ - \,\phi $ तथा $\phi $ सीमाओं के बीच दोलन कर रहा है। कोणीय विस्थापन $\theta (|\theta |\, < \phi )$, डोरी में तनाव तथा गोलक का वेग क्रमश: $T$ तथा $v$ है। उपरोक्त दशाओं में निम्नलिखित में से कौन-सा सम्बन्ध सही है
एक सरल लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि लोलक की लम्बाई $21\% $ बढ़ा दी जाये तो इसका आवर्तकाल कितने .... $\%$ प्रतिशत बढ़ जायेगा
एक प्लेट आवर्तकाल $T$ से दोलन कर रही है। अचानक एक अन्य प्लेट प्रथम प्लेट पर रख दी जाती है। इसका आवर्तकाल