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एक खोखले गोले को उसमें बने हुए एक छिद्र द्वारा पानी से भरा जाता है। तत्पश्चात् उसे एक लम्बे धागे द्वारा लटकाकर दोलायमान किया जाता है। जब तल में स्थित छिद्र से पानी धीरे-धीरे बाहर निकलता है, तो गोले का दोलनकाल
लगातार घटेगा
लगातार बढ़ेगा
पहले घटेगा और बाद में बढकर प्रारम्भिक मान पर आ जायेगा
पहले बढ़ेगा और बाद में घटकर प्रारम्भिक मान पर आ जायेगा
Solution

दिया गया निकाय सरल लोलक के तुल्य है जिसकी प्रभावकारी लम्बाई $(l)$ निलम्बन बिन्दु एवं लटकाई गई वस्तु के गुरूत्व केन्द्र के बीच की दूरी के बराबर है।
जब गोले से धीरे-धीरे पानी बाहर आता है, निकाय का गुरूत्व केन्द्र नीचे आता है अत: $l$ बढ़ता है परिणामस्वरूप $T$ ($T \propto \sqrt l $) बढ़ता है।
कुछ समय पश्चात् गोलें मे बचे पानी का भार गोले के स्वयं के भार से कम रह जाता है तो परिणामी गुरूत्व केन्द्र ऊपर की ओर खिसकने लगता है अर्थात् $l$ घटने लगता है एवं $T$ भी घटने लगता है।
अन्त में जब गोला पूर्णत: खाली हो जाएगा तो गुरूत्व केन्द्र लौटकर अपनी प्रारम्भिक स्थिति पर आ जाएगा एवं इसकी प्रभावकारी लम्बाई प्रारम्भिक लम्बाई के बराबर हो जाएगी।
परिणामस्वरूप आवर्तकाल का मान वही हो जाएगा जो कि प्रारम्भ में गोला पूर्णत: भरा होने पर था