$1.7 \times {10^{ - 13}}$ जूल का एक फोटॉन विशेष परिस्थितियों में एक पदार्थ द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है सत्य कथन है
अवशोषित पदार्थ के परमाणु के इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर में पहुंच जाएँगे
इलेक्ट्रॉन तथा पॉजिट्रॉन युग्म उत्पन्न होगा
केवल पॉजिट्रॉन का उत्पन्न होगा
इलेक्ट्रॉन उत्पन्न होगा तथा प्रकाश विद्युत प्रभाव भी होगा
अंतरिक्षयान में एक दिन, पृथ्वी के दो दिनों के तुल्य है। पृथ्वी के सापेक्ष अंतरिक्षयान की चाल होगी
कोई छोटी वस्तु जो कि विश्राम अवस्था में है, ये $20 \mathrm{~mW}$ शक्ति वाली प्रकाश स्पन्द को $300 \mathrm{~ns}$ के समयान्तराल तक अवशोषित करती है। माना प्रकाश की चाल $3.6 \times 10^6 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$ है, वस्तु का संवेग $........\times 10^{-17} kg\,m / s$हो जाएगा :
प्रकाश विद्युत प्रभाव के कारण धातु पृष्ठ से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा
एक $2 \,mW$ लेजर की तरंगदैर्ध्य $500\, nm$ है। इससे निकलने वाले प्रति सेकण्ड फोटॉनों की संख्या होगी।
[दिया है, प्लांक नियतांक $h =6.6 \times 10^{-34} \,Js$, प्रकाश की चाल $c =3.0 \times 10^{8} \,m / s$ ]
एक लेसर द्वारा $6.0 \times 10^{14}\, Hz$ आवृत्ति का एकवर्णी प्रकाश पैदा किया जाता है। उत्सर्जित शक्ति $2 \times 10^{-3} \,W$ है। स्त्रोत से प्रति सेकेण्ड उत्सर्जित फोटानों की औसत संख्या होगी-