एक अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में मुक्त रूप से तैर रहा है। उसने अपनी फ्लैश लाइट को रॉकेट की भांति उपयोग में लाने के लिये सोचा। उसने एक निश्चित दिशा में $10\, W$ का प्रकाश पुंज प्रकाशित किया जिससे उसे अंतरिक्ष विपरीत दिशा में संवेग प्राप्त होता है। यदि इस अंतरिक्षयात्री का द्रव्यमान $80\, kg$ है तो उसे $1\, ms^{-1}$ का वेग प्राप्त होने में कितना समय लगेगा
$9\, sec$
$2.4 \times 10^3\,sec$
$2.4 \times 10^6\,sec$
$2.4 \times 10^9\,sec$
$100eV$ ऊर्जा के फोटॉन की आवृत्ति होगी $(h = 6.6 \times {10^{ - 34}}\,J{\rm{ - }}sec)$
धातु का कार्य फलन होता है
प्रकाश वैद्युत प्रभाव में
$A$. प्रकाश धारा, आपतित विकिरण की तीव्रता के अनुक्रमानुपाती होती है।
$B$. जिस अधिकतम गतिज ऊर्जा से प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं, वह आपतित प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर करती है।
$C$. जिस अधिकतम गतिज ऊर्जा से प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं, वह आपतित प्रकाश की आवृत्ति पर निर्भर करता है।
$D$. प्रकाश इलेक्ट्रोंनों के उत्सर्जन के लिए आपतित विकिरण की एक न्यूनतम देहली तीव्रता आवश्यक होती है।
$E$. प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा,आपतित प्रकाश की आवृत्ति पर निर्भर नहीं करती। नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:
मूल बिन्दु पर एक बिन्दु स्त्रोत $16 \times 10^{-8} \mathrm{Wm}^{-2}$ तीव्रता की ध्वनि तरंगें उत्पन्न करता है। मूल बिन्दु से क्रमशः $2 \mathrm{~m}$ तथा $4 \mathrm{~m}$ की दूरी पर स्थित बिन्दुओं पर उत्पन्न तीव्रताओं कें अन्तर का परिमाण. . . . . . .$\times 10^{-8} \mathrm{Wm}^{-2}$.
यदि फोटॉन का वेग $c$ एवं आवृत्ति $v$ हो तो इसकी तरंगदैध्र्य होगी