एक समतल विद्युत चुम्बकीय तरंग की तीव्रता $6\ W/m^{2}$ है। यह तरंग $40 \,cm^{2}$ क्षेत्रफल वाले समतल दर्पण पर अभिलम्बवत् गिरती है। तरंग के द्वारा प्रति सैकण्ड दर्पण को स्थानान्तरित संवेग होगा
$6.4 \times {10^{ - 7}}kg - m/{s^2}$
$4.8 \times {10^{ - 8}}kg - m/{s^2}$
$3.2 \times {10^{ - 9}}kg - m/{s^2}$
$1.6 \times {10^{ - 10}}kg - m/{s^2}$
$+ z$ -अक्ष की दिशा में गमन करती हुई विधुत चुम्बकीय तरंगो से सम्बद्ध विधुत और चुम्बकीय क्षेत्रों को निरूपित किया जा सकता है:
एक लेसर किरण पुंज को अपने तरंगदैध्र्य के वर्ग के बराबर क्षेत्रफल पर फोकस किया जा सकता है। यदि एक $He-Ne$ लेसर के द्वारा $1\,mW$ की दर से ऊर्जा प्रेषित की जाती है एवं इसका तरंगदैध्र्य $632.8 \,nm$ है, तो फोकस की गयी किरण पुंज की तीव्रता होगी
व्योम में चल रही वैद्युत-चुम्बकीय तरंग के लिए सही विकल्प चुनिए।
आवृत्ति $50\, MHz$ की समतल विध्युत चुम्बकीय तरंग धनात्मक $x -$ दिशा में, मुक्त आकाश में जा रही है। आकाश में एक निश्चित समय तथा बिन्दु पर विध्युत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }=6.3 \hat{j}\, V / m$ है, तो इसके संगत चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }$ होगा :
विध्यूतशीलता $\epsilon_{0}$ और चुम्बकशीलता $\mu_{0}$ के माध्यम में विध्यूत-चुम्बकीय विकिरण का वेग होता है: