एक धनावेशित गेंद को सिल्क के धागे से लटकाया गया है। यदि हम एक बिन्दु पर धनात्मक परीक्षण आवेश ${q_0}$ रखते हैं एवं $F/{q_0}$ को मापते हैं तो यह कहा जा सकता है कि विद्युत क्षेत्र प्राबल्य $E$

  • A

    $ > F/{q_0}$

  • B

    $ = F/{q_0}$

  • C

    $ < F/{q_0}$

  • D

    परिकलित नहीं किया जा सकता

Similar Questions

एक धनावेशित पतली धातु की वलय जिसकी त्रिज्या $R$, $xy$-तल में स्थित है तथा इसका केन्द्र मूल बिन्दु $O$ पर है। एक ऋणावेशित कण $P$ विराम अवस्था से बिन्दु $(0,\,0,\,{z_0})$ से छोड़ा जाता है, यहाँ ${z_0} > 0$ तो $P$ की गति होगी

  • [IIT 1998]

एक आवेशित खोखला गोला विद्युत क्षेत्र उत्पन्न नहीं करता

दो बिन्दु आवेशों $q _{1}(\sqrt{10} \,\mu C )$ तथा $q _{2}(-25 \,\mu C )$ को $x$-अक्ष पर क्रमश : $x =1\, m$ तथा $x =4 \,m$ पर रखा गया है। $y$-अक्ष पर बिन्दु $y =3 \,m$ पर विधुत क्षेत्र का मान
( $V / m$ में) होगा।

$\left[\right.$ दिया है : $\left.\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}}=9 \times 10^{9} \,Nm ^{2} C ^{-2}\right]$

  • [JEE MAIN 2019]

समान द्रव्यमान तथा आवेश के दो एकसमान अचालक ठोस गोलों को समान लम्बाई की दो अचालक, द्रव्यमानहीन डोरियों द्वारा एक उभयनिष्ठ बिन्दु से वायु में लटकाया जाता है। साम्यावस्था पर, डोरियों के मध्य कोण $\alpha$ है। अब गोलों को $800 kg m ^{-3}$ घनत्व तथा परावैद्युतांक $21$ के परावैद्युत द्रव में डुबाया जाता है। यदि डुबाने के बाद डोरियों के मध्य कोण समान रहता है, तब

$(A)$ गोलों के मध्य विद्युत बल अपरिवर्तित रहता है।

$(B)$ गोलों के मध्य विद्युत बल घटता है।

$(C)$ गोलों का द्रव्यमान घनत्व $840 kg m ^{-3}$ है।

$(D)$ गोलों को सम्भालने वाली डोरियों में तनाव अपरिवर्तित रहता है।

  • [IIT 2020]

$5 \times {10^{ - 5}}\,kg$ द्रव्यमान का एक आवेशित कण ऊध्र्वाधर नीचे की ओर कार्यरत ${10^7}\,N{C^{ - 1}}$ के विद्युत क्षेत्र में संतुलित है। कण पर आवेश होगा