$5\,\mu C$ के बिन्दु आवेश से $80$ सेमी. दूर किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता होगी
$8 \times {10^4}\,N/C$
$7 \times {10^4}\,N/C$
$5 \times {10^4}\,N/C$
$4 \times {10^4}\,N/C$
समान द्रव्यमान तथा आवेश के दो एकसमान अचालक ठोस गोलों को समान लम्बाई की दो अचालक, द्रव्यमानहीन डोरियों द्वारा एक उभयनिष्ठ बिन्दु से वायु में लटकाया जाता है। साम्यावस्था पर, डोरियों के मध्य कोण $\alpha$ है। अब गोलों को $800 kg m ^{-3}$ घनत्व तथा परावैद्युतांक $21$ के परावैद्युत द्रव में डुबाया जाता है। यदि डुबाने के बाद डोरियों के मध्य कोण समान रहता है, तब
$(A)$ गोलों के मध्य विद्युत बल अपरिवर्तित रहता है।
$(B)$ गोलों के मध्य विद्युत बल घटता है।
$(C)$ गोलों का द्रव्यमान घनत्व $840 kg m ^{-3}$ है।
$(D)$ गोलों को सम्भालने वाली डोरियों में तनाव अपरिवर्तित रहता है।
$a$ भुजा वाले एक समबाहु त्रिभुज $ABC$ के शीर्ष $A$ और $B$ पर समान आवेश $q$ रखे हैं। बिन्दु $C$ पर विद्युत क्षेत्र का परिमाण होगा
एक गुटका एक स्प्रिंग (बल नियतांक $k$) की सहायता से एक सामान्तर प्लेट संधारित्र की ऊपरी प्लेट से चित्रानुसार लटका है। जब गुटके पर कोई आवेश नहीं है, तब इसका आवर्तकाल $T$ है। यदि गुटके को $q $ आवेश दे दिया जाये तब इसमें दोलनों का आवर्तकाल होगा
दो आवेश $ + 5\,\mu C$ तथा $ + 10\,\mu C$ एक दूसरे से $20\, cm$ दूर रखे हैं। इन आवेशों को जोड़ने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर कुल विद्युत क्षेत्र है
$1.7 \times {10^{ - 27}}$ किग्रा व $1.6 \times {10^{ - 19}}$ आवेश के एक प्रोटॉन को वैद्युत क्षेत्र में सन्तुलित रखने के लिये क्षेत्र की तीव्रता होनी चाहिये